वन्य जीवों के आतंक से ग्रामीणों में दहशत

Chhattisgarh Crimes

किशन सिन्हा/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

छुरा.  विकास खंड इन दिनों रिहायशी इलाकों के अलग-अलग स्थानों पर जंगली जानवरों के आगमन व उनके हमलों से जुझ रहा है, जहां आये दिन किसी न किसी गांव में तेंदुआ भालू हाथी जैसे खुंखार जानवर अशांति का माहौल पैदा कर रहे हैं।

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ताज़ा मामला टोनहीड़़बरी ग्राम पंचायत के ग्राम रक्सी नावाडीह का है आपको बताते चलें कि वन परिक्षेत्र छुरा अंतर्गत दो दिसंबर को खेत में धान की कटाई करने अपने माता पिता जी के साथ गए चार वर्षीय बच्ची अनीषा के ऊपर खेलते वक्त तेंदुए ने हमला कर दिया था जिसे आनन फानन में प्राथमिक उपचार के बाद हालात को देखते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा से रायपुर हास्पिटल रेफर किया गया जहां अभी बच्ची का ईलाज चल रहा है,जिसके पल पल का अपडेट प्रशासन के आला अधिकारियों द्वारा लिया जा रहा है।

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वहीं कल रात उसी जगह तेंदुआ फिर निकल आया जिसकी सुचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी। बताया जा रहा है कि मादा तेंदुआ के साथ उनके दो शावक भी है जिसके चलते तेंदुआ ज्यादा आक्रामक है। वहीं तेंदुआ और उनके शावक की उपस्थित का निशान भी उस जगह अभी भी देखने को मिला है।सुचना मिलते ही वन विभाग की टीम लगातार लोकेशन मानिटरिंग करते हुए ग्रामीणों को सचेत कर रहे हैं। वहीं छुरा रेंजर धीरेन्द्र साहू घायल बच्ची को देखने रायपुर हास्पिटल पहुंचे थे उन्होंने बताया कि बच्ची कि स्वास्थ्य में सतत् सुधार हो रहा है।

इसी अंचल में कल शाम रसेला से ग्राम हीराबतर मुख्य मार्ग पर शाम कुछ ग्रामीणों के द्वारा पांच तेंदुए का झूंड देखा गया है जिससे क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है। जिसकी सुचना वन विभाग को दिया गया है। इसी कड़ी में छुरा से सटे टेंगनाबासा में भी कुछ दिनों से समय समय पर भालू को रिहायशी इलाकों में विचरीत करते हुए पाया गया है।
यहां पर इन सभी ख़बर का निष्कर्ष यह निकलता है कि मानव समुदाय द्वारा वन्यजीवों के निवास स्थानों पर लगातार हो रहे छेड़छाड़ व अतिक्रमण स्वयं मानवों के नुकसान का करण बनता जा रहा है आपसी जागरूकता ही सुरक्षा का उपाय है।