जशपुरनगर। आंखों का इलाज कराने के जिला चिकित्सालय पहुंचा ग्रामीण, चिकित्सकर्मियों की लापरवाही से अस्पताल के एक कमरे मे बंद हो गया। 24 घंटे तक भूखे प्यासे यह मरीज कमरे मे तड़पते रहा। बुधवार की शाम को अस्पताल के आसपास के रहवासियों ने उसकी आवाज सुनकर सीएमएचओ डा. रंजीत टोप्पो को सूचना दी। इसके बाद ग्रामीण को कमरे से बाहर निकाला जा सका। स्वास्थ्य विभाग अब इस मामले की जांच के बाद लापरवाही के जिम्मेदारो के खिलाफ कार्रवाई की बात कह रहा है।
ग्राम तेतरटोली पीड़ित धीरन साय ने बताया कि वह मंगलवार को अपनी आंखों की जांच कराने के जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग मे आया था। यह विभाग सीएमचओ कार्यालय के प्रवेश द्वार के ठीक दाहिने ओर स्थित है।धीरन के अनुसार जिस समय वह इस भवन मे पहुंचा, यह खाली था यहां डाक्टर या कोई कर्मचारी नहीं था। अस्पताल पहुंचने पर उसे अचानक कमजोरी महसूस हुई और वह वहीं एक कमरे के फर्श मे जाकर सो गया। इसी बीच किसी कर्मचारी ने अस्पताल के ओपोडी का समय खत्म होने के बाद भवन को बंद कर दिया। जिससे वह कमरे मे कैद हो कर रह गया कमजोरी के कारण वह देर तक सोता रहा। ज़ब उसकी नींद टूटी तो वह कमरे से बाहर निकलने के लिए शोर मचाने लगा। लेकिन उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी। जानकारी के अनुसार नेत्र विभाग के इस कक्ष का उपयोग मरीजों के आपरेशन के लिया किया जाता है। आपरेशन न होने पर यह बंद रहता है. इन दिनों चिकित्सा कर्मियों की हड़ताल के कारण भी अस्पताल का कामकाज प्रभावित हो रहा है. सूचना पर मौक़े पर पहुंचे सीएमएचओ डा. टोप्पो ने धीरन को बाहर निकाला और परीक्षण के बाद उसे घर पहुंचाया. धीरन फिलहाल पूरी तरह से स्वस्थ बताया जा रहा है।
सूचना मिलने पर धीरन साय को तत्काल बाहर निकाला गया. इस मामले की जांच की जाएगी. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डा.रंजीत टोप्पो, सीएमएचओ, जशपुर