आसियान समिट में शामिल हुए PM मोदी : बोले- 21वीं सदी एशिया की सदी है; वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर हमारा मंत्र

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इंडोनेशिया में ईस्ट एशिया समिट की शुरुआत हो चुकी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह इंडोनेशिया के जकार्ता में आसियान-इंडिया समिट में शामिल हुए। इस दौरान PM ने अपने 5 मिनट के संबोधन में कहा- 21वीं सदी एशिया की सदी है; वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर हमारा मंत्र है।

इंडोनेशिया के जकार्ता में 20वें आसियान समिट के दौरान PM मोदी आसियान के अन्य नेताओं के साथ तस्वीर खिंचवाते हुए।

PM ने आगे कहा – भारत के इंडो पैसेफिक इनिशिएटिव में भी आसियान का प्रमुख स्थान है। आसियान भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी का केंद्रीय स्तंभ है। आज वैश्विक अनिश्चिततओं के माहौल में, हमारे आपसी सहयोग में वृद्धि हो रही है। हमारी साझेदारी चौथे दशक में प्रवेश कर रही है।

PM ने संबोधन के बाद भारतीय समुदाय के लोगों से मुलाकात की और वाद्य यंत्र भी बजाया।

इस समिट के शानदार आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति विडोडो का अभिनंदन करता हूं। आसियान समिट की अध्यक्षता के लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई।

जकार्ता पहुंचने पर PM मोदी का स्वागत में कालाकारों ने इंडोनेशिया का पारंपरिक डांस किया।

इससे पहले जकार्ता पहुंचने पर PM का पारंपरिक अंदाज में स्वागत हुआ था। PM मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर भी आसियान समिट में शामिल हुए।

विदेश मंत्री एस जयशंकर जकार्ता के होटल रिट्ज-कार्लटन पहुंचे, जहां उन्होंने ने भी PM मोदी का स्वागत करने पहुंचे प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की।

प्रधानमंत्री मोदी का इंतजार कर रहे लोगों में बच्चे भी शामिल रहे। एक बच्चा जन्माष्टमी के चलते भगवान कृष्ण का रूप बनाकर पहुंचा।

आसियान समिट के दौरान इंडोनेशिया ने रखा स्पेशल इवेंट

विदेश मंत्रालय के मुताबिक 2022-23 में भारत और आसियान देशों के बीच 10 लाख करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले 9 आसियान समिट में हिस्सा ले चुके हैं। इस बार आसियान समिट के दौरान इंडोनेशिया ने एक स्पेशल इवेंट रखा है। इसे इंडो पैसिफिक फोरम नाम दिया गया है। इस फोरम के जरिए आसियान देश इंडो-पैसिफिक में अपने लक्ष्यों को लेकर राय देंगे। इसमें आसियान देशों की इंडो-पैसिफिक में कनेक्टिविटी बढ़ाने को लेकर चर्चा की जाएगी।

फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ताइवान ने भी चीन के विवादित मैप का विरोध किया है। उन्होंने साउथ चाइना सी में चीन के दावे को खारिज कर दिया है। फिलीपींस ने कहा- चीन को जिम्मेदारी से फैसले लेते हुए अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करना चाहिए। वहीं मलेशिया ने नक्शे को लेकर डिप्लोमैटिक प्रोटेस्ट दर्ज कराई है।