सरकारी नौकरी लागने के नाम पर 70 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। रैकी विद्या सिखाने की आड में लोगो को सरकारी नौकरी लागने के नाम पर 70 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को फर्जी एसीबी अधिकारी बताकर पीड़ित पिता को चीफ मेडिकल ऑफिसर व पुत्री को मेडिकल ऑफिसर बनवाने का झांसा दिया था। इसके अलावा उसने स्कूल संचालक को भी उसके रिश्तेदारों को नौकरी दिलवाने का झांसा देकर अपना शिकार बनाया था। पुलिस ने आरोपी को हरिद्वार शांतिकुंज आश्रम से गिरफ्तार किया है। अब उससे पुलिस रिमांड में लेकर ठगी गयी 70 लाख की रकम बरामदगी का प्रयास कर रही है। मामला सिविल लाइन थाना क्षेत्र का है।

ठगी का खुलासा करते हुए एडिशनल एसपी राजेन्द्र कुमार जायसवाल ने बताया कि शंकर रेकी सेंटर गणेश चौक नेहरू नगर के नाम पर ठग थानेश्वर प्रसाद पिता कुलंजन प्रसाद शर्मा (55) संचालन करता था। रेकी सेंटर में आने वालों को थानेश्वर प्रसाद एंटी करप्शन ब्यूरो में केन्द्र शासन का अधिकारी होने का झांसा दिया करता था। वर्ष 2016 से 2019 के बीच थानेश्वर प्रसाद ने 15 से 20 लोगो को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देकर 70 लाख की ठगी की थी। नौकरी के रुपए देने वालों ने दबाव बनाया तो आरोपी रेकी सेंटर बंद कर भाग निकला था। पुलिस ने टेक्नीकल साक्ष्य की सहायता से 70 लाख की ठगी करने वाले थानेश्वर प्रसाद शर्मा को हरिद्वार शांतिकुंज आश्रम से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को लेकर टीम बिलासपुर पहुंची और मामले का खुलासा किया।

स्कूल संचालक को लगाया था 15 लाख का चूना

सरकंडा क्षेत्र निवासी स्कूल संचालक अशोक कुमार पांडेय व पत्नी मीनू पांडेय अपनी बीमारी का उपचार रेकी विद्या से कराने थानेश्वर प्रसाद शर्मा के पास जाया करते थे। थानेश्वर प्रसाद ने इस दौरान अशोक कुमार को एंटी करप्शन ब्यूरों केन्द्र सरकार का अधिकारी बताया व रिस्तेदारो को नौकरी लगाने का झांसा दिया। झांसे में आए स्कूल संचालक ने साला प्रेषित दुबे, साली रिचा दुबे, भतीजे मयंक पाण्डेय व अभिलाष पाण्डेय को नौकरी लगवाने के लिए 15 लाख रुपए किस्तो में दिया। नौकरी न लगने पर पीड़ित ने 28 जुलाई को सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई थी।

पिता पुत्री को मेडिकल आफिसर बनाने का झांसा देकर की ठगी

शातिर ठग ने वर्ष 2016 में रेकी विद्या सीखने पहुंची तेन्तुलिंगा थाना बइसिंगा, जिला मयुरगंज निवासी पल्लवी पिता हेंमत कुमार पांडा (28) ने थानेश्वर प्रसाद शर्मा को रुपए दिए थे। पल्लवी पांडा अपनी 19 अक्टूबर 2022 को सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई थी। पल्लवी ने पुलिस को बताया कि चौकसे होम्योपैथिक कालेज में बीएचएमएस की पढाई के दौरान थानेश्वर शर्मा के सम्पर्क में आई थी। संस्थापक थानेश्वर प्रसाद शर्मा ने स्वास्थय विभाग में मेडिकल आफिसर बनाने का प्रलोभन देकर 9 लाख 5 हजार रुपए ले लिए। नौकरी न लगने पर ठगी का पता चला था।