प्रयागराज। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र में पहुंच गए हैं। उन्होंने पवित्र त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगाई। भगवा रंग का वस्त्र पहने मोदी ने स्नान करने के बाद गंगा को प्रणाम करते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य दिया। उन्होंने संगम तट पर ही गंगा की पूजा कर देशवासियों की कुशलता की कामना की। पीएम मोदी प्रयागराज एयरपोर्ट पर उतरे फिर वहां से हेलिकॉप्टर के जरिए डीपीएस स्कूल के ग्राउंड पहुंचे। इसके बाद अरैल घाट से नाव से पीएम संगम नोज पर पहुंचे। सीएम योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ मौजूद रहे।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi takes a holy dip at Triveni Sangam in Prayagraj, Uttar Pradesh
(Source: ANI/DD)#KumbhOfTogetherness pic.twitter.com/a0WAqkSrDb
— ANI (@ANI) February 5, 2025
38 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में लगा चुके डुबकी
बता दें कि पीएम मोदी का संगम दौरा करीब 2 घंटे का था। सुबह 11 बजे से साढ़े ग्यारह बजे तक का वक्त पीएम मोदी के लिए आरक्षित था। महाकुंभ में पीएम के दौरे को लेकर विशेष तैयारियां कल से ही शुरू हो गई थी। संगम घाट से लेकर प्रयागराज की सड़कों पर सिक्योरिटी प्रोटोकॉल लागू है। उधर, महाकुंभ में श्रद्धालुओं का आना अभी भी जारी है। अब तक साढ़े 38 करोड़ से ज्यादा लोग संगम में डुबकी लगा चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने आज की तिथि क्यों चुनी, क्या है मान्यता?
पीएम मोदी आज माघ महीने की अष्टमी तिथि पर पुण्य काल में पवित्र त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। हिंदू पंचांग की मानें तो 5 फरवरी माघ मास की गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि है, जिसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन तप, ध्यान और साधना को बेहद फलदायी माना गया है। मान्यता है कि इस दिन जो लोग तप, ध्यान और स्नान करते हैं उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। इसके अलावा, यह दिन को भीष्माष्टमी के रूप में भी जाना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, महाभारत के दौरान भीष्म पितामह को बाणों की शय्या पर लेटे हुए सूर्य के उत्तरायण होने और शुक्ल पक्ष की प्रतीक्षा की थी। माघ मास की अष्टमी तिथि पर उन्होंने श्रीकृष्ण की उपस्थिति में अपने प्राण त्यागे, जिसके बाद उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हुई।
PMO ने दी जानकारी
महाकुंभ 2025, पौष पूर्णिमा के दिन 13 जनवरी को शुरू हुआ और यह 26 फरवरी को महाशिवरात्रि तक चलेगा। पीएमओ ने कहा कि महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम है, जो दुनिया भर के भक्तों को आकर्षित करता है। पीएमओ ने कहा कि भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने और संरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, प्रधानमंत्री ने तीर्थ स्थलों पर बुनियादी ढांचे और सुविधाओं को बढ़ाने के लिए लगातार सक्रिय कदम उठाए हैं।
महाकुंभ के आयोजन से पहले की थी गंगा आरती
प्रधानमंत्री ने महाकुंभ के पहले 13 दिसंबर 2024 को संगम तट पर गंगा की आरती और पूजा कर इस महाआयोजन के सकुशल संपन्न होने की मंगलकामना की थी। प्रयागराज की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री ने आम जनता के लिए संपर्क, सुविधाओं और सेवाओं में सुधार के लिए 5,500 करोड़ रुपये की 167 विकास परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया था। वर्ष 2019 के कुंभ के शुरू और बाद में भी वह आए थे।