संदीप चंद्राकर हत्याकांड में फरार इनामी आरोपी उड़ीसा के रायगढ़ से गिरफ्तार, गरियाबंद पुलिस की कार्यवाही

Chhattisgarh Crimes

गरियाबंद। संदीप हत्याकांड मामले में फरार चल रहे इनामी आरोपी श्रीहरी राजवंशी को पकड़ने में गरियाबंद पुलिस के हाथ बड़ी सफलता मिली है, बताया जाता है कि आरोपी उड़ीसा के रायगढ़ में छुपा बैठा था जिसे पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ा हैं। मिली जानकारी के मुताबिक़ 29 अगस्त को संदीप चंद्राकर निवासी सोरिदखुर्द अपने पैसे लेन देन का हिसाब करने नरहरि राजवंशी के मछली दुकान में गया था। पैसा लेन देन का हिसाव को लेकर आरोपी नरहरि , राहुल , हरिशचंद्र , श्रीहरि चारो मिलकर संदीप चंद्राकर को अश्लील गाली गलीच करते हुये पैसे का हिसाव मांगता है , कहकर जान से मारने की नियत से बास के लाठी एवं लोहे की पट्टी से प्राणघातक हमला कर हत्या कर दिया।

आरोपियों के खिलाफ धारा 302 , 294 , 34 के तहत सतोष कुमार सिन्हा निवासी सोरिद खुर्द के रिपोर्ट पर मामला थाना फिंगेश्वर में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था । प्रकरण के एक आरोपी श्रीहरि राजवशी घटना के बाद से फरार हो गया था । अपराध की गंभीरता को देखते हुये पुलिस अधीक्षक गरियाबंद पारुल माथुर द्वारा फरार आरोपी को घड़पकड करने स्पेशल टीम का गठन किया गया । पुलिस अधीक्षक के निर्देशन पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुखनंदन राठौर के द्वारा लगातार मार्गदर्शन पर गठित स्पेशल टीम को अलग – अलग जिलो में रवाना किया गया था।

पुलिस की स्पेशल टीप पिछले 4-5 दिनों से बाहर थी , पुलिस फरार आरोपी को पकड़ने के लिये लोकेशन स्थान पर जाती थी , तो आरोपी अपना ठिकाना बदल – बदल कर भागते फिर रहा था। आरोपी अपने परिजन व रिश्तेदारो के घर जाते थे , तो रिश्तेदारो द्वारा हत्या का आरोपी है , बोलकर नहीं रखते थे । जिससे आरोपी इधर उधर भटक रहा था । आरोपी को स्पेशल टीम द्वारा दीगर राज्य उडिसा के जिला रायगढ़ में पेराबंदी कर पकड़ने में सफल रहा । आरोपी को हिरासत में लेकर थाना लाकर प्रकरण में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमाण्ड पर भेजा गया ।

विदित हो कि इस हत्याकांड में पुलिस ने पूर्व में ही तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। उक्त कार्यवाही में थाना प्रभारी उप निरीक्षक भूषण चंद्राकर , प्रधानआरक्षक नेमीचंद पटेल , रब्बान खान , अगद राव , आरक्षक कृतेश प्रजापति , करम जागडे , लक्ष्मीकात साह , दीप्तनाथ प्रधान , चूडामणी देवता , सुशील पाठक , रविन्द्र सिन्हा , जयप्रकाश मिश्रा , यादराम ध्रुव का कार्य सराहनीय रहा ।

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