भिलाई। खुर्सीपार थाना अंतर्गत गुरुद्वारा बेबे नानकी जी प्रबंधक कमेटी के प्रधान सरदार कुलवंत सिंह के बेटे मलकीत सिंह की मौत का मामला और उलझता जा रहा है। दुर्ग पुलिस ने मामले में एक नाबालिग सहित 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद भी पीड़ित पक्ष 50 लाख रुपए मुआवजा और एक सरकारी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठा है।
इस धरना प्रदर्शन में सिख समुदाय के साथ भाजपा नेता भी शामिल हो गए। उन्होंने सुबह से लेकर रात भर थाने के सामने ही टेंट लगाकर धरना दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेम प्रकाश पाण्डेय भी शनिवार शाम को अपने समर्थकों के साथ वहां पहुंचे। इसके बाद उन्होंने कहा जब तक शासन प्रशासन उनकी मांग नहीं मानता वो यही धरना स्थल में बैठेंगे।
इसके बाद उनेक साथ सभी लोग पूरी रात धरने पर बैठे रहे। रात वहीं सभी ने खाना खाया। इस दौरान दुर्ग सांसद विजय बघेल भी वहां पहुंचे। बताया जा रहा है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव भी यहां पहुंच रहे हैं। उनके साथ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल, राजनांदगांव सांसद सहित कई भाजपा के बड़े नेता भी यहां पहुंच रहे हैं।
शांति का टापू कहलाने वाले भिलाई में बढ़ा अपराध
प्रेम प्रकाश पांडेय ने कहा कि शांति का टापू कहलाने वाले भिलाई में पिछले 5 सालों में अपराध बढ़ा है। यहां के सभी मैदान ओपन बार बन चुके हैं। आए दिन हत्याएं हो रही है। एटीएम लूटे जा रहे हैं। पुलिस प्रशासन राजनेताओं के दबाव आकर गुंडे बदमाशों पर कार्रवाई करने की जगह उनके आव भगत में लगा हुआ है। मुख्यमंत्री को चाहिए की वो परिजनों की मांग को पूरा करें।
पुलिस कर रही है आरोपी को बचाने का प्रयास
प्रेम प्रकाश पांडेय का कहना है कि हत्या के मामले में एक शुभम शर्मा नाम व्यक्ति भी आरोपी है। वो सत्तारूढ़ राजनीतिक दल के आईटी सेल से जुड़ा हुआ है। इसके चलते पूरा पुलिस प्रशासन उसे बचाने में लगा हुआ है। उनका कहना है कि घटना स्थल पर जब पीसीआर नहीं पहुंची, परिजन नहीं पहुंचे तो फिर सबसे पहले वो वहां कैसे पहुंच गया। भले ही उसने हत्या नहीं की हो लेकिन इसमें उसका हाथ जरूर है।
दूसरे राज्य के लिए फंड है तो छत्तीसगढ़ियों के लिए क्यों नहीं
धरना प्रदर्शन में शामिल होने शनिवार रात दुर्ग सांसद विजय बघेल भी पहुंचे। उन्होंने कहा कि देश की आजादी में जिस समाज ने सबसे आगे आकर त्याग दिया वो समाज आज न्याय के मांगने के लिए खड़ा है। उनके बेटे की हत्या कर दी गई। मुख्यमंत्री को शर्म आनी चाहिए। वो पीड़ित परिवार को न्याय देने की जगह प्रियंका गांधी के स्वागत की तैयारी में लगे हुए हैं।
मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश में मृत लोगों को 50 लाख रुपए का मुआवजा दिया है। उस समय वहां भी चुनाव था और आज यहां भी चुनाव है। जब वहां आप वहां के लिए मुआवजा दे सकते हैं तो यहां के छत्तीसगढ़ियों को क्यों नहीं दे सकते। इसलिए 50 लाख रुपए और नौकरी देने में मुख्यमंत्री को कोई परहेज नहीं होना चाहिए।