भूमिहीन गरीब किसानों को पुलिस ने मंत्री चौबे के बंगले से हटाया, धरना स्थल पर छोड़ा

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी रायपुर में अभनपुर क्षेत्र के सोनेसिल्ली गांव के 23 किसान परिवारों ने गुरुवार तड़के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे का बंगला घेर लिया। महिलाओं-बच्चों को साथ लेकर आए किसान जमीन वापसी की मांग कर रहे थे। घेराव की सूचना पर पहुंची पुलिस ने किसानों को वहां से जबरन हटाकर बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पहुंचा दिया।

प्रदर्शनकारियों ने बताया, वे लोग कृषिक सहकारी समिति सोनेसिल्ली से जुड़े हुए हैं। पिछले 51 वर्षों से गांव की खाली जमीन पर खेती करते आ रहे हैं। इस साल गांव के सरपंच और उपसरपंच ने उनको जमीन से बेदखल करने की कार्रवाई शुरू कर दी। उनकी खड़ी फसल को मवेशियों से चरा दिया गया। इस जमीन पर एसडीएम न्यायालय ने स्थगन आदेश जारी किया था। एसडीएम ने 4 अगस्त को वह स्थगन आदेश खारिज कर दिया। ऐसे में उन परिवारों के सामने जीवन-मरण का प्रश्न खड़ा हो गया।

गांव से सभी लोग रात को ही राजधानी के लिए निकल पड़े। वे अपने साथ बर्तन और राशन भी लेकर आए हैं। सुबह पांच बजे किसानों ने शंकर नगर स्थित कृषि मंत्री के बंगले के बाहर डेरा जमा लिया। नारेबाजी शुरू हुई तो पुलिस हरकत में आई। पुलिस कर्मियों ने पहले तो किसानों को वहां से खदेड़ने की कोशिश की। बाद में सभी को गाड़ी में बिठाकर बूढ़ातालाब के पास छोड़ आई। किसान अभी भी बूढ़ातालाब के पास जमें हुए हैं।

24 जुलाई को माना में रोक दिए गए थे

बेदखली से परेशान किसान परिवार 24 जुलाई को भी कृषि मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलने रायपुर आ रहे थे। वे सुबह-सुबह पैदल ही निकल पड़े थे। प्रशासन ने उन्हें माना में ही रोक लिया। अभनपुर एसडीएम निर्भय साहू ने किसानों से बात की थी और सरपंच के बेदखली आदेश पर स्थगन आदेश जारी किया था।

क्या है यह पूरा विवाद

किसानों के मुताबिक सरकार ने गोबरा नवापारा तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सोनेसिल्ली के 23 भूमिहीन परिवारों को 1970 में ग्राम पंचायत कुर्रा के आश्रित ग्राम सोनेसिल्ली में भूमि प्रदान की गई थी। इस पर ये परिवार खेती करते आ रहे थे। अब सरपंच गोमेश्वरी साहू, और उपसरपंच ताराचंद साहू ने ग्रामीणों के एक समूह को एकजुट कर उन्हें जबरदस्ती जमीन से बेदखल कर दिया है। इसकी जानकारी प्रशासन को दिया गया था लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।