रायपुर। लंबे समय से अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मांग कर रहे सौंरा, गोंड़, बिझिया, उरांव, भुंजिया आदि समाज के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सौजन्य मुलाकात की. इस दौरान संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (पांचवां संशोधन) विधेयक 2022 को राज्यसभा से मंजूरी मिलने पर आभार प्रकट किया.
मुख्यमंत्री बघेल ने प्रतिनिधिमंडल को बधाई देते हुए कहा कि राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति समुदाय को उनके अधिकारों का लाभ दिलाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग की भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही. इस संबंध में प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मात्रात्मक त्रुटि के कारण आदिवासी समुदाय को हो रही दिक्कतों से अवगत कराया गया और उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल करने का आग्रह किया गया था.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जनजाति आयोग को विभिन्न समाजों के माध्यम से जो ज्ञापन मिले, आयोग द्वारा उनकी सुनवाई कर ट्राईबल रिसर्च इंस्टिट्यूट के माध्यम से अध्ययन के बाद प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार को भेजा गया. राज्य सरकार की इस पहल पर जाति समुदायों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने संबंधी विधेयक को लोकसभा और राज्यसभा से मंजूरी मिली है. मुलाकात के दौरान रवि सिदार, खोलबहरा सिदार, लकेश्वर श्याम, दीनबन्धु, शत्रुघन एवं रोहित सिदार भी उपस्थित थे.