इसरो में कार्यरत महासमुंद जिले के बसना निवासी को चंद्रयान-3 की लैंडिंग के सीधा प्रसारण में देखकर क्षेत्रवासी हुए गौरवान्वित

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महासमुंद. कल भारत ने एक नया इतिहास रच दिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्र अभियान चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) चंद्रमा की सतह सफलतापूर्वक लैंड किया.

इस उपलब्धि के बाद भारत यह उपलब्धि हासिल करने वाला चौथा देश और धरती के एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है, जो अब तक अनछुआ रहा था.

कल भारत सहित सम्पूर्ण विश्व की निगाहें चंद्रयान पर थी , चाँद पर उतरने का सीधा प्रसारण पूरा विश्व देख रहा था. इसी प्रसारण के दौरान बसना क्षेत्र वासियों की खुशी और भी ज्यादा बढ़ गई जब क्षेत्रवासियों ने इस प्रसारण के दौरान इसरो में कार्यरत बसना निवासी को देखा।

बताया जा रहा है ज्ञानेंद्र कश्यप जो बसना निवासी डॉ. कश्यप के सुपुत्र हैं वो इसरो में कार्यरत हैं और अपनी सेवा दे रहे हैं। कल चंद्रयान की सफलता पूर्वक लैंडिंग के बाद ज्ञानेंद्र कश्यप को TV पर देखकर क्षेत्रवासियों ने खुद को और भी ज्यादा गौरवान्वित महसूस किया । और बसना क्षेत्रवासियों की तरफ से बधाई शुभकामनाएं दी गई। जिसके बाद से सोशल मीडिया में लगातार बधाइयों का सिलसिला शुरू हो चुका है।

बसना के डॉ एस पी कश्यप के सुपुत्र ज्ञानेंद्र कश्यप दो भाइयों में छोटे हैं उनके बड़े भाई श्री जितेंद्र कश्यप समाजसेवी हैं, अखिल भारतीय अघरिया समाज क्षेत्र बसना अंतर्गत निवासरत डॉक्टर एस पी कश्यप के छोटे सुपुत्र ज्ञानेंद्र कश्यप (वैज्ञानिक) जो कि जितेन्द्र कश्यप ( पप्पू) के छोटे भाई हैं,इन्होंने इसरो की टीम का हिस्सा बनकर चंद्रयान 3 के सफल लैंडिंग में अपना योगदान दिया और हमारे समाज के साथ साथ भारत का मान,गौरव बढ़ाया।

ज्ञानेंद्र कश्यप पिता डॉक्टर एसपी कश्यप, एवं जितेंद्र कश्यप के छोटे भाई बसना जिला महासमुंद छत्तीसगढ़ के निवासी, उनकी प्राथमिक शिक्षा से हायर सेकेंडरी तक की शिक्षा बसना में ही हुई है, इनकी इंजीनियरिंग की शिक्षा पुसद महाराष्ट्र में हुई है, सन 2000 में इन्हे इसरो में नियुक्ति मिली,आज सीनियर साइंटिस्ट हैं,चंद्रयान 3 के मिशन में इनकी अहम भूमिका रही है।