जांजगीर। जांजगीर जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे 10 साल साल के राहुल को निकालने लगातार प्रयास जारी है। मगर टनल बनाकर राहुल तक पहुंचने में सबसे बड़ी परेशानी चट्टान है। जिसके कारण उस तक पहुंचने में रेस्क्यू टीम को समय लग रहा है। बताया जा रहा है कि अभी 10 फीट टनल खोदने का काम बाकी है। जिसमें कम से कम 5 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाएगा। राहुल को निकालने के लिए पिछले 60 घंटे से ज्यादा समय से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
पिहरिद गांव में चट्टान की वजह से रेस्क्यू टीम को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। बड़ी ड्रिल मशीन का उपयोग भी नहीं किया जा रहा, क्योंकि इससे आसपास कंपन होने की संभावना है। इससे राहुल को परेशानी हो सकती है। बाकी का काम छोटी ड्रिल मशीन और हाथी के खुदाई के जरिए किया जा रहा है। इससे पहले रोबोट इंजीनियर की सहायता लेकर राहुल को निकालने का प्रयास किया गया था, लेकिन वह सफल नहीं रहा।
रात के वक्त राहुल सो गया था। उसका कुछ मूवमेंट समझ नहीं आ रहा था। इस बीच सुबह करीब 5 बजे जब उसने मूवमेंट किया तो उसे खाने के लिए फ्रूटी और केले दिए गए। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला कैमरे से खुद बच्चे की निगरानी कर रहे हैं। देर रात तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी कलेक्टर से बातचीत करते रहे। उन्होंने लगातार रेस्क्यू के संबंध में अधिकारियों से बातचीत की। इसके बाद देर रात ट्वीट भी किया है। वो लगातार इस पूरे रेस्क्यू ऑपरेशन बनाए हुए हैं। सीएम ने सुबह भी एख ट्वीट किया है, उन्होंने लिखा है कि कुछ भी मशीन का इस्तेमाल करने से पहले राहुल के बारे में सोचा जा रहा है।
SDRF, NDRF, सेना के जवान, प्रशासन के अधिकारी गड्ढे में ही मौजूद हैं। बच्चे के परिजन भी उस जगह पर हैं, जहां पर बोरवेल के लिए गड्ढा किया गया था। राहुल लगातार हलचल कर रहा है। वह प्रशासन की टीम को सहयोग भी कर रहा है। राहुल के लिए ना सिर्फ जांजगीर जिले में, बल्कि पूरे प्रदेशभर के लोग प्रार्थना कर रहे हैं।
बच्चे को बाहर निकालने को लेकर कागज पर भी प्लान डिजाइन किया गया है। ऑपरेशन स्थल के आसपास के 25 मीटर एरिया को नो गो जोन बनाया जाएगा। ऑपरेशन के लिए केवल अधिकृत लोग ही वहां रहेंगे। बच्चे को रेस्क्यू कर बाहर लाने को लेकर प्रशासन तैयारियों में कर ली। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने इसे लेकर तैयारी संबंधी जरूरी निर्देश दिए हैं। इसके तहत मौके पर ऑक्सीजन, विद्युत व्यवस्था, लाइटिंग, कंप्रेशर मशीन, एक्सपर्ट, मेडिकल स्टाफ के साथ सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
SECL टीम पहले से मौजूद
लगभग 10 फीट की टनल बनाई जा रही है । टनल के लिए करीब 20 फीट लंबा पाइप तैयार है। काम शुरू होने के बाद उसे नीचे उतारा जाएगा। SECL की इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम भी पहुंची हुई है। राहुल के लिए प्रशासन के निर्देश पर अब SECL की कुसमुंडा, मानिकपुर और मनेंद्रगढ़ से भी रेस्क्यू टीम भी पहुंची है। इसे SECL की सबसे बड़ी रेस्क्यू टीम बताया जा रहा है। यह टीम अंडरग्राउंड खदान में अचानक होने वाली दुर्घटनाओं के समय राहत और बचाव करती है। वह अपने साथ कई तरह के उपकरण लेकर आई है। ऑफिसर इंचार्ज जीपी शुक्ला के नेतृत्व में 10 सदस्य इस टीम में हैं। यह टीम खदान में अचानक ऊपर की छत को धंसने से बचाने, गैस रिसाव को रोकने जैसे कार्य करती है।