पीड़िता ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज कराई थी। पीड़िता की रिपोर्ट पर डभरा थाने में अपराध दर्ज किया गया।घटना की गंभीरता को देखते हुए एसपी अंकिता शर्मा के निर्देशन में विशेष टीम गठित कर जांच शुरू की गई। टीम ने घटनास्थल के आसपास के लोगों से पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण, तकनीकी साक्ष्य व मुखबिरों की सूचना के आधार पर कार्रवाई की गई। पुलिस ने जांच में पाया कि यह वारदात स्थानीय और बाहरी राज्यों के अपराधियों द्वारा की गई है।
7 आरोपी पहले पकड़े गए, अब मुख्य आरोपी गिरफ्तार
जांच के दौरान पुलिस ने बिहार, गुजरात, रायपुर और रायगढ़ में टीमें भेजकर सात आरोपियों को हिरासत में लिया। जिसमें दीपेश उर्फ रोहित महतो (पटना, बिहार), विक्रम उर्फ कट्टा दिवाकर (पटना, बिहार), रंजन कुमार साव (पटना, बिहार), रेवती कुमार चौहान (रायगढ़), ईश्वर प्रसाद डनसेना, लोकेश कुमार झरिया (दोनों बरभांवना, रायगढ़), राजेश कुमार सोनवानी (बरगढ़ कर्रानारा, खरसिया) है।
वहीं मामले का मुख्य आरोपी रामतोष उर्फ राम सिदार (पनझर, कोतरारोड, रायगढ़) घटना के बाद से फरार हो गया।जंगल में छिपे और रायगढ़ के एक होटल में रुके
पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकारा कि उन्होंने मिलकर योजना बनाई और रायगढ़ से फगुरम के भांटा गांव में लूट को अंजाम दिया। 6 लोग नकाब पहनकर घर में घुसे जबकि दो लोग बाहर इनोवा गाड़ी में पहरेदारी कर रहे थे। वारदात के बाद आरोपी कुछ समय जंगल में छिपे और फिर रायगढ़ के एक होटल में रुके। बाद में ट्रेन और वाहन से अपने-अपने स्थानों की ओर रवाना हो गए।
चाकू, मोबाइल, सोने-चांदी के जेवर बरामद
पुलिस ने लूट में प्रयुक्त चाकू, मोबाइल, सोने-चांदी के जेवर, नकदी, घटना में प्रयुक्त वाहन सहित लूटी गई संपत्ति बरामद कर ली है। मामले का मुख्य आरोपी रामतोष उर्फ राम सिदार घटना के बाद से फरार था, जिसे मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तार किया गया है।
आरोपी के पास से एक देसी कट्टा और एक जिंदा कारतूस भी जब्त किया गया है। आरोपी के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 जोड़ी गई हैं। सभी आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया है।