स्कार्फ, स्काउटिंग की पहचान : के.आर.सिन्हा

Chhattisgarh Crimes

किशन सिन्हा/छत्तीसगढ़ क्राइम्स

छुरा – स्काउटिंग अनौपचारिक शिक्षा का एक रूप है जो कैंपिंग, वुडक्राफ्ट, जलीय विज्ञान, लंबी पैदल यात्रा, एडवेंचर, बैकपैकिंग, हाइकिंग, पायनियरिंग और खेल जैसे बाहरी गतिविधियों के माध्यम से युवाओं के शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक और आध्यात्मिक विकास पर केंद्रित है। स्काउटिंग आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है। स्काउटिंग की पहचान विशेष वर्दी होता है जिसका उद्देश्य सामाजिक प्रतिष्ठा के सभी मतभेदों को दूर कर समानता प्रदान करना है।

स्काउटिंग आंदोलन में स्कार्फ पहनाना सम्मान का प्रतीक माना जाता है। सेवानिवृत्त व्याख्याता एवं वरिष्ठ स्काउट मास्टर के.आर. सिन्हा ने वर्ल्ड स्कार्फ डे की बधाई और शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए कहा कि स्काउटिंग के संस्थापक लार्ड बेडेन पावेल के द्वारा वर्ष 1907 में 1 अगस्त से इंग्लैंड के ब्राउन सी द्वीप में आयोजित प्रथम कैंप की तिथि को स्मरण रखने के लिए वर्ल्ड स्कार्फ डे मनाया जाता है। वर्तमान में पूरे विश्व के 216 से अधिक देशों में स्काउटिंग आंदोलन संचालित है। स्कार्फ, स्काउटिंग यूनिफॉर्म का अनिवार्य अंग होने के साथ-साथ आपदा की परिस्थिति में स्काउट के लिए बहु उपयोगी है।

श्री सिन्हा ने आगे कहा कि स्काउटिंग आंदोलन का मूल उद्देश्य नवयुवकों के विकास में एक तरह योगदान करना है जिससे उनकी पूर्ण शारीरिक, बौद्धिक, सामाजिक तथा आध्यात्मिक अंतःशक्तियों की उपलब्धि हो। वे व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार नागरिक के रूप में तथा स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्य के रूप में उपयोगी सिद्ध हो सके। विदित हो कि वरिष्ठ स्काउट मास्टर के.आर. सिन्हा के कुशल मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और नेतृत्व में कई स्काउट-गाइड राष्ट्रपति व राज्यपाल अवार्ड से सम्मानित हो चुके हैं।