भिलाई से 27 दिन पहले लापता हुए सिंगर नीलेश डेहरे का कई टुकड़ों में मिला शव, 6 गिरफ्तार, 4 फरार

Chhattisgarh Crimes
मृतक नीलेश डेहरे

भिलाई। भिलाई से 27 दिन पहले लापता हुए सिंगर नीलेश डेहरे का शव कई टुकड़ों में मिला है। उसकी इतनी बेहरहमी से हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसी के मुह बोले मामा और आदतन अपराधी मोंटू ने की है। मोंटू की निशानदेही पर पुलिस ने शिवनाथ नदी और महासमुंद रोड के जंगल से शव के अलग-अलग टुकड़े बरामद कर लिए हैं। पुलिस ने 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, वहीं 4 आरोपी फरार हैं। दुर्ग पुलिस आज इस मामले का खुलासा करेगी।

जानकारी के नीलेश डेहरे पिता स्व. नरेंद्र डेहरा (23 साल) बेमेतरा जिले के सुरखी थाना क्षेत्र अंतर्गत डाढ़ी का रहने वाला था। वह कुछ महीने पहले ही स्मृति नगर क्षेत्र में किराय का मकान लेकर रह रहा था। नीलेश म्यूजिक का शौकीन था। वह गायक था। भिलाई में करियर बनाने के लिए आया था और अपना एक म्यूजिक एलबम भी लाने की तैयारी कर रहा था। बीते 7 अक्टूबर से वह अपने कमरे में नहीं था। न उसका मोबाइल लग रहा था। परिजनों ने काफी तलाश की उसके बाद 17 अक्टूबर को स्मृति नगर थाने में नीलेश की मिसिंग रिपोर्ट दर्ज की गई। एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने सुपेला थाना प्रभारी दुर्गेश शर्मा के और स्मृति नगर चौकी प्रभारी एसआई युवराद देशमुख के नितृत्व में एक टीम गठित की।

नीलेश का लास्ट लोकेशन रायपुर के आगे सिमगा में मिला था। इसलिए पुलिस की टीम वहां पहुंची और तीन दिनों तक डेरा डालकर रखा था। पुलिस ने जब नीलेश की काल डिटेल निकाली तो उसकी अंतिम बातचीत उसके मुहबोले मामा और सिमगा के बदमाश मोंटू से हुई थी। पुलिस ने मोंटू को हिरासत में लेकर सख्ती से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसने अपने साथियों के साथ मिलकर नीलेश की हत्या कर दी। इसके बाद कुल्हाड़ी से उसके शरीर के कई टुकड़े करके अलग-अलग जगहों में फेंक दिया। उसकी निशानदेही पर पुलिस ने शिवनाथ नदी और महासमुंद जाने वाले रास्ते के जंगल से शव के कुछ टुकड़े बरामद किए हैं। पुलिस को शव के बीच का भाग मिला है, जिससे उसकी पहचान हुई है।

मोंटू ने पुलिस को बताया कि भिलाई अपने साथियों के साथ गया था। वहां उसने नीलेश के साथ शराब पार्टी की। इसके बाद उसे कार में बैठाकर सिमगा आ गए। यहां उसे अपने फार्म हाउस में रखा था। मोंटू और उसके 9 साथियों ने उसे इतनी बेरहमी से मारा कि उसकी मौत हो गई। मौत होने के बाद उन्होंने श‌व को एक दिन तक फार्म हाउस में रखा। अगले दिन कुल्हाड़ी से काटकर शव के कई टुकड़े किए और अलग-अलग बोरियों में भरकर उन्हें अलग-अलग जगह फेंक दिया।