श्रीलंका के PM का इस्तीफा, सरकार समर्थक-विरोधियों की हिंसा में सांसद समेत 4 की मौत

Chhattisgarh Crimes

कोलंबो। दिवालिया होने की कगार पर खड़े श्रीलंका के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने सोमवार को विपक्ष के दबाव में इस्तीफा दे दिया। इसके बाद राजधानी कोलंबो समेत देश के कई हिस्सों में सरकार समर्थकों और विरोधियों के बीच जबरदस्त हिंसा हुई। इसमें रूलिंग पार्टी के सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला और उनके सिक्योरिटी गार्ड की मौत हो गई। भीड़ ने पूर्व मंत्री जॉन्सटन फर्नांडो के माउंट लाविनिया इलाके में मौजूद आलीशान घर में भी आग लगा दी। उनके परिवार को बमुश्किल बचाया गया। एक सांसद सनथ निशांथा के घर भी आग लगाने की कोशिश की गई।

देश में इस तरह के टकराव का खतरा बहुत तेजी से बढ़ रहा है। माना जा रहा है कि राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे प्रमुख शहरों में सेना तैनात कर सकते हैं। देर शाम मिली जानकारी के मुताबिक, हिंसा में अब तक कुल चार लोगों की मौत हुई है, जबकि 119 लोग घायल हैं।

आगे क्या मुमकिन

पिछले हफ्ते प्रमुख विपक्षी नेता सिरिसेना ने राष्ट्रपति से मुलाकात की थी। इसमें तय हो गया था कि प्रधानमंत्री महिंदा इस्तीफा देंगे। इसके बाद अंतरिम सरकार बनेगी। हालांकि अंतरिम सरकार बनने से पहले देश में अमन बहाली करनी होगी। सरकार में राजपक्षे परिवार का अब भी दबदबा है, लेकिन वो विपक्ष को साथ लेकर उसको भी नाकामियों का हिस्सेदार बनाना चाहते हैं। इसलिए अंतरिम सरकार जल्द बन सकती है। विपक्ष भी जानता है कि अगर देश को बचाना है तो इस वक्त सरकार और खासतौर पर राष्ट्रपति गोटबाया का साथ देना होगा।

हिंसा किसके इशारे पर

श्रीलंका के कई हिस्सों में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पों की खबरें हैं। इससे भी बड़ा खतरा महिंदा के इस्तीफे से खड़ा हो गया है। दरअसल, उनके बड़े भाई और राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे नहीं चाहते थे कि महिंदा इस्तीफा दें, लेकिन विपक्ष की मांग के आगे उन्हें झुकना पड़ा। दूसरी तरफ, उन्होंने अपने समर्थकों को सड़कों पर उतार दिया। अब राजपक्षे भाइयों के विरोधियों और समर्थकों के बीच देश के कई हिस्सों में झड़पें शुरू हो गई हैं।

श्रीलंकाई मीडिया के मुताबिक सांसद अमरकीर्ति अथुकोरला अपनी कार में गनर और ड्राइवर के साथ निटामबुवा में एक रास्ते से गुजर रहे थे। उनकी कार पर रेड लाइट थी। इसी सड़क पर सैकड़ों सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी मौजूद थे। इन लोगों ने सांसद की कार को घेर लिया और नारेबाजी की। सांसद गुस्से में बाहर निकले और पर्सनल पिस्टल से भीड़ पर फायरिंग कर दी। इसमें दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद सांसद भागकर बगल की एक बिल्डिंग में छिप गए। कुछ देर बाद उनका शव वहीं से बरामद हुआ। अब तक यह साफ नहीं है कि सांसद भीड़ के हमले में मारे गए या मौत की वजह कुछ और है। कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भीड़ के हाथों मारे जाने से बचने के लिए सांसद ने अपनी पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी की है।