आईफ्लू का ऐसा प्रकोप : एक हफ्ते में दवा दुकानों से ड्रॉप का स्टॉक खत्म नागपुर से इमरजेंसी में मंगवाई एक लाख शीशी

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। राजधानी सहित आस-पास के इलाके में आई फ्लू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है। बच्चे, बुजुर्गों से लेकर महिलाएं और युवा सभी आई फ्लू से पीड़ित हैं। पिछले एक हफ्ते के दौरान शहर की दवा दुकानों से आई ड्रॉप का पूरा स्टॉक ही खत्म हो गया है। खासतौर पर शासन से अधिकृत सिप्लॉक्स ड्रॉप की कई जगह शार्टेज होने लगी है। हालात को देखते हुए दवा कारोबारियों ने इमरजेंसी में नागपुर स्थित सिप्लॉक्स कंपनी के डिपो से दो दिन पहले ही एक लाख से ज्यादा आई ड्रॉप का आर्डर दिया है।

आईफ्लू फैलने के एक-दो दिन बाद ही शासन ने सावधानी और इलाज को लेकर गाइड लाइन जारी कर दी थी। शासन की ओर से ही आई फ्लू के पीड़ितों के लिए सिप्लॉक्स आईड्रॉप को अधिकृत किया गया। सरकारी अस्पतालों में तो ये ड्राप फ्री दी जा रही है, लेकिन दवा दुकानों से भी इसकी जबरदस्त बिक्री हो रही है। केवल 15 रुपए की एक ड्राप होने के कारण लोग आसानी से खरीदकर उपयोग कर रहे हैं। हालात को देखते हुए दवा कारोबारियों ने इमरजेंसी में नागपुर के डिपों से एक लाख ड्राप का स्टॉक मंगवाया है।

3 दिन में खत्म होने वाली बीमारी 8-8 दिन कर रही परेशान

आमतौर पर आई फ्लू पीड़ित की स्थिति दो से तीन दिन में सुधरने लगती है। इस बार फैला आईफ्लू आठ-आठ दिन लोगों को परेशान कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों से लेकर नेत्र विशेषज्ञ भी इसे लेकर हैरान हैं। अस्पतालों में ऐसे केस भी आ रहे हैं कि एक बार आई फ्लू ठीक होने के बाद दूसरी-तीसरी बार भी हो रहा है। यानी ड्रॉप डालना बंद करते ही दोबारा आई फ्लू हो रहा है।

दवा कारोबारी भी आई फ्लू की स्थिति से हैरान हैं। रायपुर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ठाकुर राजेश्वर सिंह ने बताया पिछले दस वर्षों में कभी ऐसी ​स्थिति नहीं हुई। इस वजह से दवा का स्टॉक खत्म हो गया। हालांकि समय पर आईड्रॉप कारोबारियों को मिल गया। इस वजह से कहीं भी लोगों को भटकना नहीं पड़ा।

अंबेडकर में रोज 60 से ज्यादा मरीज, ऑपरेशन अभी भी कैंसिल

अंबेडकर अस्पताल में रोज औसतन 60 से ज्यादा मरीज आई फ्लू के पहुंच रहे हैं। मरीजों की संख्या को देखते हुए आईफ्लू के मरीजों की जांच का कमरा अलग कर दिया गया है। उनकी जांच करने वाले स्टाफ और डाक्टरों को दूसरे मरीजों से अलग रखा जा रहा है। अस्पताल में अभी भी मोतियाबिंद के ऑपरेशन इमरजेंसी में ही किये जा रहे हैं। सामान्य मरीजों के ऑपरेशन अभी कैंसिल रखे जा रहे हैं।

वायरल और बैक्टीरियल दो तरह का फ्लू

“अभी वायरल और बैक्टीरियल दो तरह का आईफ्लू फैला है। वायरल आईफ्लू होने पर आंखों में किसी तरह का कीचड़ नहीं निकलता। ये फ्लू ज्यादा परेशान कर रहा है। इसमें आंखें लाल होने के साथ सूज रही हैं। आंखों से हर थोड़ी थोड़ी देर में पानी बहता है। जबकि बैक्टीरियल आईफ्लू में आंखों में कीचड़ आता है। ये जल्दी ठीक होता है। डाक्टर की सलाह के बिना कोई भी ड्रॉप न लें।”

– डॉ. सुभाष मिश्रा