सूर्योपासना का महापर्व छठ आज से होगा शुरू

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रायपुर। लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व कार्तिक छठ बुधवार से नहाय-खाय के साथ शुरू हो जाएगा। सूर्योपासना के इस पवित्र चार दिवसीय महापर्व के पहले दिन छठव्रती श्रद्धालु नर-नारी अंत:करण की शुद्धि के लिए नहाय-खाय के संकल्प के साथ नदियों-तालाबों के निर्मल एवं स्वच्छ जल में स्नान करने के बाद शुद्ध घी में बना अरवा भोजन ग्रहण कर इस व्रत को शुरू करेंगे। श्रद्धालुओं ने मंगलवार से ही पर्व के लिए तैयारियां शुरू कर दीं। महापर्व छठ को लेकर घर से घाट तक तैयारियां जोरों पर हैं। व्रती घर की साफ-सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री खरीदने में जुट गए हैं। कोई व्रती अपने घर में नहाय-खाय के लिए चावल चुनने में लगी हैं तो कोई छत पर गेहूं सुखाने में लगी हैं।

बुधवार 18 नवम्बर को नहाय-खाय के साथ छठ महापर्व की शुरूआत हो रही है। 19 को खरना होगा। 20 नवम्बर की शाम श्रद्धालु नदी और तालाब घाटों पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने पहुंचेंगे। 21 नवम्बर की भोर में उदित होते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर यह चार दिन का व्रत पूरा होगा।

तालाब-नदी घाटों की सफाई तेज, तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे संसदीय सचिव और अफसर

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कोरोना संक्रमण में सरकारी नियमों के उहापोह में फंसे छठ पूजा के आयोजन की तस्वीर साफ हो गई है। सरकार ने आयोजन समितियों को कोरोना संक्रमण से बचाव के उपाय करते हुए आयोजन की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही तालाब और नदी घाटों की सफाई तेजी से शुरू हुई है, ताकि श्रद्धालुओं को सुविधाएं दी जा सके। घाटों पर रंगरोगन और रोशनी के भी इंतजाम किये जा रहे हैं। संसदीय सचिव और रायपुर पश्चिम क्षेत्र के विधायक विकास उपाध्याय ने मंगलवार को क्षेत्र के नदी-तालाब घाटों का दौरा किया। विकास, खमतराई तालाब, गुढियारी के मच्छी तालाब, समता कॉलोनी के आमातालाब और खारुन नदी पर महादेव घाट पहुंचे। इस दौरान उनके साथ संबंधित नगर निगम जोन के आयुक्त, विभागीय अधिकारी और आयोजन समिति के पदाधिकारी भी थे। उन्होंने घाटों की साफ-सफाई, रंग-रोगन एवं रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था रखने का निर्देश दिया।

सांस्कृतिक आयोजनों से परहेज

कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए आयोजन समितियां सांस्कृतिक आयोजनों को इस बार टाल रही हैं। छत्तीसगढ़ भोजपुरी कल्याण समिति ने गुढियारी के मच्छी तालाब घाट पर हर साल होने वाला सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं करने का फैसला किया है। इस साल वहां आने वालों को समिति की ओर से चाय भी नहीं बांटा जाएगा। छठ महापर्व आयोजन समिति ने भी कोरोना रोकथाम के लिये सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया है। इसके लिये समिति की बैठक हो चुकी है।