आय बढ़ाने हेतु मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण का दिया गया तकनीकी प्रशिक्षण

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गरियाबंद। कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद एवं अखिल भारतीय मशरूम अनुसंधान परियोजना इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के संयुक्त तत्वाधान मंे 11 से 13 सितम्बर तक तीन दिवसीय प्रायोगिक मशरूम उत्पादन का तकनीकी प्रशिक्षण 40 हितग्राहियों को प्रदान किया गया। उक्त प्रशिक्षण में प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. नरेन्द्र लाकपाले द्वारा मशरूम के विभिन्न औषधीय एवं पौष्टिक गुणों की जानकारी विस्तृत रूप से समस्त हितग्राहियों को प्रदाय की गई।

वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख डॉ. मनीष चौरसिया द्वारा मशरूम मंे लगने वाले विभिन्न प्रकार के कीटों एवं बिमारियोें के बारे में विस्तृत जानकारी इस प्रशिक्षण के माध्यम से दी गई। तुषार मिश्रा वैज्ञानिक द्वारा मशरूम की खेती, मशरूम के बीज बनाने की विधि एवं मशरूम उत्पादन में क्या क्या सावधानियां बरती जानी चाहिए इसकी भी विस्तृत जानकारी हितग्राहियों को प्रदाय की गई। डॉ. शालु अब्राहम एवं डॉ. ईशु साहू द्वारा हितग्राहियों को मशरूम द्वारा निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पाद जैसे बड़ी, पापड़, अचार एवं मशरूम पाउडर बनाने की विधि के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

रहित समाज एवं महिला सशक्तिकरण में मशरूम उत्पादन की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में भी प्रशिक्षण के माध्यम से समस्त वैज्ञानिकों द्वारा चर्चा परिचर्चा का भी आयोजन कृषि विज्ञान केन्द्र गरियाबंद के परिसर में किया गया। ग्रामीण अंचलों में आय के अतिरिक्त साधन के रूप में मशरूम उत्पादन की भूमिका के बारे में भी विस्तृत रूप से जानकारी प्रदान की गई। उक्त प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम के दौरान हितग्राहियों द्वारा भी मशरूम उत्पादन की आवश्यकता स्वास्थ्य एवं व्यवसायिक दृष्टिकोण से गरियाबंद जिले के विभिन्न ग्रामीण अंचलों मंे इसकी महत्वता को स्वीकारा गया।