गाइडलाइन दर में रियायत से मध्यम वर्ग को फायदा, सरकार को मिले 1590 करोड़

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रायपुर। पंजीयन विभाग ने अचल सम्पत्ति के पंजीयन और स्टाम्प शुल्क से इस वर्ष अब तक 1589 करोड़ 42 लाख रुपए राजस्व प्राप्त किया है। यह लक्ष्य 1500 करोड़ रुपए से 5.90 प्रतिशत अधिक है। विभाग का दावा है कि भूमि खरीदी बिक्री के लिए दी गई रियायतों से छोटे एवं मध्यम परिवारों का मकान खरीदने का सपना पूरा हो रहा है।

राज्य शासन द्वारा भूमि के क्रय-विक्रय और मकानों और फ्लेट में दी जा रही पंजीयन में छूट से मकान और भूमि खरीदी के लिए कम कीमत देनी होगी। चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वित्त विभाग ने राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 1650 करोड़ रुपए तय किया है। अब तक 714.57 करोड़ रुपए राजस्व प्राप्त हुआ है। यह गत वर्ष की इसी अवधि की राजस्व प्राप्ति 496.58 करोड़ रुपए की तुलना में 44 प्रतिशत अधिक है।

छत्तीसगढ़ शासन ने जनवरी 2019 में आम लोगों की सुविधा के लिए छोटे प्लाटों की विक्रय पर लगी रोक को हटाकर ई-पंजीयन प्रणाली में आवश्यक प्रावधान कराए थे। जनवरी 2019 से अब तक छोटे भू-खण्डों से संबंधित 3 लाख से ज्यादा दस्तावेजों का पंजीयन हुआ है। राज्य शासन द्वारा गाइडलाइन की दरों में 30 प्रतिशत की कमी 25 जुलाई 2019 से की गई। कोरोना को ध्यान में रखते हुए शासन द्वारा इस 30 प्रतिशत की कमी को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के लिए भी यथावत रखा गया है। सम्पत्ति के बाजार मूल्य में कमी के साथ ही सम्पत्ति के खरीदी बिक्री में राहत प्राप्त होने से समाज के सभी वर्ग के लिए भूमि व मकान खरीदना आसान हुआ है।

इस तरह मिल रही छूट

इसी तरह से आवासीय भवनों के पंजीयन में 2 प्रतिशत की रियायत दी गई है। शासन द्वारा 75 लाख रुपए कीमत तक के मकान व भवन के विक्रय संबंधी विलेखों पर प्राभार्य होने वाले पंजीयन शुल्क की दर में दो प्रतिशत की रियायत अगस्त 2019 से दी गई है। नागरिकों के हितों में ध्यान में रखते हुए वित्तीय वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 के लिए पंजीयन शुल्क की रियायत को यथावत रखा गया है।