बच्चियों को छोड़कर चली गई मां, अकेली पाकर गंदी हरकत करता था पिता, चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने किया रेस्क्यू

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। बिलासपुर में दो मासूम बच्चियों के साथ उनके पिता के यौन शोषण करने का मामला सामने आया है। दरअसल, मासूम बच्चियों को उसकी मां छोड़कर चली गई, तब वे अपने पिता के साथ अकेली रहती थीं। पूरा मामला उस उजागर हुआ, जब बच्चियों ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को आप बीती बताईं।

बच्चियों की बात सुनकर उन्होंने चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को जानकारी दी। इसके बाद उनका रेस्क्यू किया गया। अब आरोप है कि पुलिस 10 दिन से इस केस को दबाने का प्रयास कर रही है और दोषी पिता के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है। इस केस में FIR की मांग को लेकर गुरु घासीदास सेवादार संघ (GSS) ने पुलिस के खिलाफ उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। मामला चकरभाठा थाना क्षेत्र का है।

चकरभाटा थाना क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इस पूरे केस को उजागर किया है। उन्होंने 30 सितंबर को महिला एवं बाल विकास विभाग की चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) को इसकी जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि 4 और 6 साल की दो बहनें आंगनबाड़ी केंद्र में गुमशुम रहती हैं। पूछताछ में उन्होंने बताया कि उनकी मां नहीं है और दोनों अपने पिता के साथ रहती हैं। बच्चियों ने जब बातचीत बढ़ी तो दोनों ने पिता की गंदी हरकत के बारे में जानकारी दी। मामला सामने आने पर CWC ने बच्चियों को रेस्क्यू किया और उनसे पूछताछ की, तब उन्होंने घटना के बारे में बताया।

मासूम बच्चियों के साथ यौन शोषण के इस केस में चकरभाठा पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है। 10 दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं करने पर सामाजिक संगठन के पदाधिकारी पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगा रहे हैं। वहीं, चकरभाठा TI मनोज नायक का कहना है कि प्रारंभिक जांच व पूछताछ में पता चला है कि बच्चियों के पिता मानसिक रोगी है। CWC ने बच्चियों का मेडिकल जांच कराया है, जिसमें रेप जैसी घटना सामने नहीं आई है। पुलिस अब CWC की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करेगी।

गुरु घासीदास सेवादार संघ ने दी आंदोलन की चेतावनी

गुरु घासीदास सेवादार संघ की विधिक सलाहकार प्रियंका शुक्ला ने बताया कि 11 अक्टूबर को संगठन के पदाधिकारी गांव भी गई थी। उन्होंने इस घटना की जानकारी जुटाई, जिसके बाद सच्चाई सामने आने पर संघ ने दो दिन के भीतर कार्रवाई नहीं होने पर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि राजस्थान की भवरी देवी केस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने विशाखा कमेटी की गाइडलाइन जारी किया है। इसके आधार पर उन्होंने कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने चकरभाठा TI मनोज नायक और पुलिस अफसरों पर इस गंभीर केस को दबाने का आरोप भी लगाया है।