तेजी से थमने लगी अब कोरोना की रफ्तार, पीक के बाद 3 हफ्ते में डेली केस में 58% की गिरावट

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। कोरोना की दूसरी लहर में मामले काफी तेज गति से बढ़े। इस लहर ने देश में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को काफी प्रभावित किया। संक्रमण के मामले जिस रफ्तार में शिखर को छुआ था, उसी रफ्तार में उसमें गिरावट भी देखने को मिल रही है। कोरोना की रफ्तार में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिर्फ तीन सप्ताह में कोरोना के डेली केसों में करीब 58 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। डेटा के मुताबिक, सिर्फ तीन हफ्तों में दैनिक मामलों का सात दिन का औसत 7 मई को संक्रमण के चरम पर दर्ज की गई संख्या से आधा से भी कम हो गया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को यह औसत 2 लाख से काफी नीचे गिर गया। शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, 1.74 लाख नए मामले सामने आए और 3614 मरीजों का जान गई। ये आंकड़े कोरोना के पीक से काफी कम है। आपको बता दें कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 7 मई को देश में कोरोना के सर्वाधिक 4,14,188 नए संक्रमण दर्ज किए गए थे। लगभग 58 प्रतिशत कम है।

कोरोना से होने वाली मौत को लेकर चिंता बरकरार

आपको बता दें कि कोरोना की पहली लहर में औसत दैनिक मामले 17 सितंबर को 93,735 पर पहुंच गए थे। छह सप्ताह बाद 30 अक्टूबर तक यह संख्या गिरकर आधी हो गई थी। हालांकि मौत के आंकड़ों की वजह से लगातार सरकार की चिंता बनी हुई है। हाल के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मरीजों की कोरोना के कारण मौत हो रही है। हालांकि यहां संक्रमण की रफ्तार जरूर कम हुई है। आपको यह भी बता दें कि सिर्फ इस महीने में एब तक कोरोना से 5000 से अधिक मरीजों की जान इस महामारी ने ले ही है।

हालांकि देश भर में कोरोना से होने वाली मौत की संख्या में गिराटव जरूर देखी गई है। 16 मई को सात दिन की औसत दैनिक मौतें 4,040 के उच्च स्तर पर पहुंच गई थी। वर्तमान में यह संख्या 3,324 है। देश में महामारी से होने वाली वास्तविक दैनिक मौतें भी अभी तक 3,000 अंक से नीचे नहीं आई हैं। शनिवार को जारी आंकड़ों के अनुसार देश में 3614 मरीजों की जान गई है। आपको बता दें कि नए मामलों की संख्या में देश में लगातार कोरोना के मामलों में कमी देखने को मिल रही है। शनिवार को करीब 1.65 लाख नए मामले सामने आए हैं। वहीं, शुक्रवार को यह संख्या 1.74 लाख थी।

लॉकडाउन और टीकाकरण बना हथियार

देश में कोरोना की दूसरी लहर को रोकने में राज्यों के द्वारा लगाए गए लॉकडाउन और टीकाकरण अभियान बड़ा हथियार बना है। दोनों की मदद से संक्रमण की रफ्तार को रोकने में सफलता मिली है। आपको बता दें कि देश के सभी बड़े राज्यों में इन दिनों लॉकडाउन लगा हुआ है। इसके तहत कई तरह के प्रतिबंध लगे हुए हैं। वहीं, टीकाकरण की बात करें तो भारत में अब तक 21 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी हैं।