अब तक के सबसे बड़े एनकाउंटर को सुरक्षाबलों ने ऐसे दिया अंजाम

चार महीनों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 80 नक्सली ढेर

Chhattisgarh Crimes

कांकेर। लोकसभा चुनाव 2024 के फर्स्ट फेज की वोटिंग से पहले छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से नक्सलवाद की कमर तोड़ने वाली खबर सामने आई। मंगलवार को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन चलाकर 29 नक्सलियों को मार गिराया। इस घटना में तीन जवान भी घायल हुए हैं। मारे गए नक्सलियों में बड़े नक्सली नेताओं के भी शामिल होने की संभावना है। छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद यह पहली बार है जब किसी मुठभेड़ में इतनी बड़ी संख्या में नक्सली मारे गए हैं। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जिनके पास गृह विभाग भी है, ने मुठभेड़ को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इसका श्रेय बहादुर सुरक्षाकर्मियों को जाता है। इस ऑपरेशन की सराहना गृह मंत्री अमित शाह ने भी की है।

सबसे बड़े ऑपरेशन को ऐसे दिया अंजाम

कांकेर जिले में मंगलवार दोपहर को सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ इस ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सटीक खुफिया इनफॉरमेशन और जबरदस्त कोऑर्डिनेशन का इस्तेमाल किया है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी. ने बताया कि कांकेर जिले के छोटेबेठिया पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत हापाटोला गांव के जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी का पुख्ता खुफिया इनपुट मिला था। इनमें उत्तरी बस्तर डिवीजन के नक्सली शंकर, ललिता, राजू समेत अन्य माओवादियों की मौजूदगी और सटीक लोकेशन की जानकारी मिली थी। इस खुफिया जानकारी के बाद छोटेबेठिया थाना क्षेत्र में BSF और जिला रिजर्व गार्ड (DRG) की संयुक्त टीम एक्टिव हुई। दोनों ने ऑपरेशन के लिए कोऑर्डिनेशन बनाया और सधे हुए कदमों से जंगल को घेर कर सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

कभी पेड़ों की ओट में तो कभी जमीन पर लेटकर… 29 नक्सलियों को किया ढेर

हापाटोला गांव के पास जंगल में सुरक्षा बलों की भनक लगने के बाद नक्सलियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। तब तक वे चारों ओर से घिर चुके थे और सुरक्षाबलों ने एक साथ जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। कभी पेड़ों की ओट में तो कभी जमीन पर लेटकर, बीएसएफ और रिजर्व गार्ड के जवानों ने सटीक निशाने लगाने शुरू किए और एक-एक कर 29 नक्सलियों को ढेर कर दिया।

नक्सलियों का पूरा कुनबा खत्म

बताया जा रहा है कि यहां मौजूद नक्सलियों के पूरे कुनबे को खत्म कर दिया गया है। इन सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं और मौका -ए-वारदात से एके-47 राइफल, एसएलआर राइफल, इंसास राइफल और 303 बंदूकों समेत भारी मात्रा में गोला बारूद बरामद किए गए हैं। मारे गए नक्सलियों की पहचान अभी तक नहीं हो पाई है। प्रथम दृष्टया ऐसा लग रहा है कि इन नक्सलियों में माओवादियों के उत्तर बस्तर डिवीजन के बड़े नेता शामिल हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि गोलीबारी में बीएसएफ के दो निरीक्षक और एक डीआरजी का जवान घायल हुए हैं।

नई रणनीति का असर, मारे गए 29 नक्सली

सुरक्षाबलों ने नक्सलियों को चारों तरफ से घेरकर उन्हें आगे ही नहीं बढ़ने दिया था जिससे एक तरफ से आई सर्चिंग टीम ने नक्सलियों का काम तमाम कर दिया। डीआईजी बीएसएफ आलोक सिंह ने बताया, ”बीएसएफ का ये काफी बड़ा इटिलिजेंस बेस ऑपरेशन था। हम 2 दिन से हमारी और डीआरजी की टीम कोटरी के ईस्टर्न साइड के इलाके में ऑपरेशन पर लगे हुए थे। अबूझमाड़ का इलाका नक्सलियों का हब माना जाता है। हमारी कमांडो और डीआरजी की टीम काफी दिनों से यह प्रैक्टिस कर रही थी। हमने हमारी ऑपरेशनल स्ट्रेटजी पर्टिकुलर ऑपरेशन के लिए बदली। फोर्स डिफेक्शन और मोबिलीजेशन की डिफरेंट डायरेक्शन की तकनीक अपनाई। हमें नक्सलियो को सप्राइज करना था हमने उन्हें सप्राइज किया और सफलता पाई।”

उन्होंने बताया, ”यहां काफी पहाड़ियां इसलिए यहां ऑपरेशन करना बेहद चैलेंजिंग है। नक्सली सोच भी नहीं सकते थे कि हम इस पूर्वी इलाके से उनपर कभी हमला कर सकते है। हमने हमला किया जिसमें नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, 29 नक्सली मारे गए। 19 ऑटोमैटिक वेपन्स मिले है। कई नक्सली घायल हुए है। हम जल्द घायल नक्सलियो पर एक बड़ा ऑपरेशन प्लान करेंगे। आपको जल्द खबर मिलेंगी।”

चार महीनों में अलग-अलग मुठभेड़ों में 80 नक्सली ढेर

इस घटना के साथ ही इस वर्ष में अब तक कांकेर सहित बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में सुरक्षा बलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में 80 नक्सलियों को मार गिराया है। इस महीने की दो तारीख को बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में 13 नक्सली मारे गए थे। जबकि 27 मार्च को छह नक्सली मारे गए थे।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने मुठभेड़ को बस्तर पुलिस द्वारा नक्सलवाद पर “सर्जिकल स्ट्राइक” करार देते हुए कहा, “नक्सल विरोधी मोर्चे पर यह पहली बार हुआ कि आमने-सामने की लड़ाई में सुरक्षा बल पूरी तरह से हावी रहे। उन्होंने नक्सलियों को सम्भलने का मौका नहीं दिया।” उन्होंने कहा कि मंगलवार के अभियान से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है। चार महीनों में सुरक्षाबलों के साथ अलग-अलग मुठभेड़ों में करीब 80 नक्सली मारे गए हैं।