पन्ना। मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व के एक युवा बाघ का शिकारियों ने शिकार कर दिया है। शिकार करने का तरीका बेहद डरावना है। विक्रमपुर गांव के पास बाघ फांसी के फंदे पर लटका मिला है। बाघ के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कर दिया है। घटना उत्तर वन मंडल क्षेत्र के पन्ना रेंज के लक्ष्मीपुर से विक्रमपुर के जंगल की है। यहां पर अज्ञात शिकारियों ने शिकार करके बाघ को मार दिया है। अज्ञात शिकारियों ने बाघ को पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका दिया है। जानकारी के लगते ही वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी मौके पर पहुंच चुके हैं।
छतरपुर सीसीएफ संजीव झा ने बताया कि मामले की जांच बारीकी से करवाई जा रही है। सतना और पन्ना की डॉग स्क्वायड टीम ने मौके पर आकर जांच की है। हम शिकारियों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं।
पन्ना टाइगर रिजर्व में 75 बाघ
मध्यप्रदेश को 526 बाघ के साथ टाइगर स्टेट का दर्जा प्राप्त है। जिसमें पन्ना टाइगर रिजर्व का अहम योगदान माना जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व में अभी 75 से अधिक बाघ हैं। उसके अलावा मध्य प्रदेश में कान्हा, बांधवगढ़, सतपुढ़ा, पेंच और संजय दुबरी टाइगर रिजर्व सहित कई बाघ अभयारण्य हैं। यहां से बाघों की मौतें जिस तरह सामने आ रही हैं।
बाघ पुनर्स्थापना के बाद आबाद हुआ था पन्ना टाइगर रिजर्व
मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व में वर्ष 2008-09 में बाघविहीन हो गया था। इसके पहले यहां स्टेट कालीन समय में बड़ी संख्या में बाघ हुआ करते थे। फिर से यहां बाघ पुनर्स्थापना के बाद पीटीआर के तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर श्री निवासन मूर्ति ने कड़ी मेहनत की और बाघों के संसार बसाया। जिसके बाद लगातार बाघ बढ़ते गए।
पहली बार फांसी के फंदे में लटका मिला बाघ
बुधवार सुबह बाघ का शव फांसी के फंदे पर लटका मिला। इस प्रकार की घटना पन्ना टाइगर रिजर्व एवं पन्ना के जंगलों से यह पहली घटना सामने आई है, कि बाघ का शव फांसी के फंदे से लटकता मिला है। इस प्रकार के मामले बहुत कम देखने के लिए मिलते हैं।