रायपुर। राज्य के 33 शहरों में रायपुर की सड़कें सबसे ज्यादा खतरनाक हैं। क्योंकि औसतन यहां हर 5 दिन में 7 व्यक्ति की जान सड़क हादसे में जा रही है। जबकि रोज औसतन करीब 5 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पिछले 8 माह यानी 243 दिनों में 1353 हादसों में 360 लोगों की जान गई हैं। हादसे में 1009 लोग घायल हुए है। उन्हें गंभीर चोट आई हैं। दूसरे नंबर पर बिलासपुर है। ये सारे आंकड़े पुलिस मुख्यालय से कराए गए एक सर्वे के बाद सामने आए हैं।
रायपुर में ज्यादा हादसों पर पुलिस अधिकारियों ने बताया कि राजधानी होने की वजह से रायपुर में ट्रैफिक का दबाव सबसे ज्यादा हैं। यहां चारों दिशाओं से गाड़ियां आती हैं। सड़कें चौड़ी और अच्छी है, इसके चलते वाहन चालक तेज रफ्तार में चलते हैं और हादसे होते हैं। वहां के खतरनाक मोड़, ढाल, बस्ती से मिलने वाली सड़कों जहां तीन साल में ज्यादा हादसे हुए हैं, उनकी समीक्षा कर ब्लैक स्पॉट घोषित किए जा रहे हैं। इन पाइंट्स को सुधारा जा रहा है।
पुलिस के अनुसार सड़क हादसों में जान गंवाने वाले ज्यादातर युवा है। इनकी उम्र 18-35 साल हैं। इसमें बाइक वाले ज्यादा हैं। 117 बाइक चालक या सवार की जान गई हैं। जबकि सबसे ज्यादा हादसे कार के (400) हुए हैं। इसमें 50 लोगों की जान गई है। ज्यादातर हादसे दोपहर 3 से रात के 9 बजे के बीच हुए हैं। इस दौरान 43.18 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं हुई। इनमें 43.45 प्रतिशत लोगों की मौत तथा 43.48 प्रतिशत व्यक्ति घायल हुए।
राज्य में ब्लैक स्पॉट की संख्या 104 से बढ़कर 118 हो गई है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति रायपुर की है। पिछले साल रायपुर में 7 ब्लैक स्पॉट थे, जो बढ़कर 24 हो गए हैं। इसमें मंदिर हसौद, उरला-सिंघानिया, सेरीखेड़ी और मेटल पार्क को ब्लैक स्पॉट सूची से हटा दिया गया है, उनकी जगह 21 नए ब्लैक स्पॉट जोड़े गए हैं। ये ज्यादातर आउटर की सड़कें हैं और एनएचएआई में आते हैं।
राज्य में पिछले 8 माह में 9290 हादसे हुए है। इसमें 4172 मौतें और 8311 घायल हुए है। सबसे ज्यादा हादसों वाले टॉप-10 शहरों में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, रायगढ़, कोरबा, बलौदाबाजार, राजनांदगांव, जगदलपुर, जांजगीर चांपा, महासमुंद शामिल हैं। सबसे कम हादसा जिले नारायणपुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, मोहला मानपुर, बीजापुर, गौरेला-पेंड्रा, सक्ती, सारगंढ-बिलाईगढ़, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी शामिल हैं। लगातार हादसों की संख्या बढ़ रही है।
ट्रैफिक नियमों तोड़ने वालों के खिलाफ सबसे ज्यादा कार्रवाई रायपुर में हो रही है। पिछले 8 माह में 66 हजार 490 गाड़ी वालों पर कार्रवाई की गई। उनसे 5.12 करोड़ वसूला गया है। दूसरें नंबर पर दुर्ग है। जहां 33 हजार 765 गाड़ी वालों से 1.11 करोड़ वसूला गया है। चौक-चौराहोें में कार्रवाई के अलावा पुलिस घरो में ई-चालान भेज रही है। इसमें बिना हेलमेट और सिग्नल तोड़ने वालों पर की जा रही है। सप्ताह के आखिरी दिन शनिवार-रविवार को रात 2 बजे तक नशे पर कार्रवाई चल रही है।