पुलिस की प्रताड़ना से परेशान युवक ने ट्रेन के सामने कूदकर दी जान, आक्रोशित परिजन और ग्रामीणों ने घेरा थाना

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। बिलासपुर जिले के ग्रामीण थाना क्षेत्र में एक युवक ने खुदकुशी कर ली। आरोप है कि थाना में पदस्थ एक आरक्षक की प्रताड़ना के चलते युवक ने ट्रेन के सामने कूद कर खुदकुशी कर ली। परिजनों के अनुसार आरक्षक ने जेल भेजने की धमकी देते हुए पैसो की मांग की थी। जिसके कारण मानसिक दबाव के चलते युवक ने आत्महत्या की है। आत्महत्या के बाद ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने परिजनों के साथ थाने का घेराव कर दिया है। पूरा मामला बिल्हा थाना क्षेत्र का है।

बिल्हा थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत भैंसबोड़ में रहने वाला 23 वर्षीय हरिश चंद्र गेंदले पिता भागीरथी गेंदले रोजी मजदूरी करके जीवन यापन करता है। कल वह अपने घर से बाइक निकाल कर जा रहा था तो उसकी टक्कर 4,5 स्कूली छात्राओं की सायकल से हो गयी। हालांकि टक्कर में छात्राओं को कोई नुकसान नही पहुँचा अलबत्ता एक छात्रा की सायकल टूट जरूर गयी। जिसके चलते छात्राएं उसे चिल्लाने लगी तब हरीश के पिता जी बाहर निकले और छात्राओं को समझाइश देते हुए सायकिल बनवा देने की बात कही। पर छात्राएं नही मानी तब हरीश के पिता जी ने यहां तक कहा कि हमारी बाइक की चाबी आप लोग रख लीजिये और साइकिल बनने के बाद ही दीजियेगा। तब भी छात्राएं नही मानी और वहां से चली गयी फिर बिल्हा थाने में शिकायत दर्ज करवा दी। जिसके बाद आरक्षक रूप लाल चन्द्रा एक हेड कांस्टेबल को साथ लेकर पेट्रोलिंग गाड़ी में पहुँचा वहां हरीश को न पाकर उसके पिता भागीरथी को उठा लाया। परिजनों व ग्रामीणों के आरोप के मुताबिक युवक के पिता को घटनास्थल से ही आरक्षक रूपलाल चन्द्रा मारते पीटते ले गया था और थाने में भी पुत्र को बुलाने को बोलते हुए जमकर मारपीट कर दी। पिता को ले जाने की बात सुन हरीश भी थाने पहुँचा तब उससे भी आरक्षक ने जमकर मारपीट की। थाने का घेराव कर रहे एक ग्रामीण का मीडिया से बात करते हुए यहां तक कहना था कि पुलिस ने पहले चार घण्टे पिता की और फिर चार घण्टे पुत्र की पिटाई की।

छात्राओं के द्वारा समझौता करने की बात कह थाने से वापसी कर ली गयी। पर आरक्षक बीस हजार की मांग कर दोपहर से शाम तक पिता पुत्र को थाने में बैठा कर प्रताड़ित कर मारपीट करता रहा। पिता पुत्र के द्वारा पैसा देने में असमर्थता जताई गई कि पैसा नही दे पाएंगे तब पिता पुत्र को शाम की बजे छोड़ दिया गया। थाने से छूटने के एक घण्टे बाद शाम 7 बजे युवक घर मे किसी को बिना बताए पैदल रेलवे ट्रेक की ओर चला गया और ट्रेन आने पर पटरी के सामने कूद कर आत्महत्या कर ली। ट्रेन की चपेट में आने से युवक के कई टुकड़े हो गए। परिजनों को देर रात जानकारी होने पर वो घटनास्थल पहुँचे।

पुलिस के खिलाफ आक्रोश थाने का घेराव

युवक की खुदकुशी की जानकारी लगने पर ग्रामीणों ने परिजनों के साथ मिलकर बिल्हा थाने का घेराव कर दिया और पुलिस पर प्रताड़ना का आरोप लगा जमकर हंगामा मचाया। उनके इस प्रदर्शन में आप नेताओ ने भी साथ दिया। घेराव में शामिल मृतक की मां ने बताया कि “आरक्षक चंद्रा सर ने उनके पुत्र से बीस हजार की मांग की थी, जिस पर मृतक हरीश ने कहा था कि बुढ़ापे में मेरे बूढ़े बाप के साथ मारपीट की गई तो अब मेरे जीने का क्या फायदा, जिस पर आरक्षक चंद्रा ने कहा कि बीस हजार नही देगा तो जा मर जा, तब मेरे लड़के ने कहा कि अब देखना कुछ ही देर में मैं मर कर दिखाऊंगा” जिसके बाद थाने से निकल कर उनके बेटे ने थोड़ी ही देर में आत्महत्या कर ली। ग्रामीण आरक्षक के निलंबन व उस पर एफआईआर की मांग कर रहे थे। घेराव की सूचना पर एडिशनल एसपी ग्रामीण राहुल देव शर्मा भी थाना पहुँचे थे, उन्होंने कहा कि एसडीओपी स्तर के अधिकारी से मामलें की जांच करवाई जाएगी।