पूरन मेश्राम/मैनपुर। सर्व आदिवासी समाज छतीसगढ़ प्रांतीय आह्वान पर 32 प्रतिशत आरक्षण की पुनर्बहाली सहित विभिन्न मांगों को लेकर प्रदेश के समस्त जिला मुख्यालय समस्त ब्लाकों सहित समस्त नेशनल हाईवे रोड पे आर्थिक नाकेबंदी,चक्का जाम कर महा प्रदर्शन किया गया।
इसी तारतम्य में सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के मार्ग निर्देशानुसार आज 15 नवंबर मंगलवार को देवभोग रायपुर पक्की सड़क मार्ग झरियाबाहरा पर सुबह से ही आदिवासी समाज के द्वारा धरना प्रदर्शन आर्थिक नाकेबंदी के साथ सड़क जाम कर दिया गया व्यवस्थागत जिम्मेदारियों का सफल निर्वहन के लिए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मैनपुर के सफल निगरानी में पुलिस फोर्स की तैनाती सुबह से ही हो गई थी आदिवासी समाज के लोग झरियाबाहरा में सुबह से पहुंचने चालू कर दिए थे ग्यारह बजे के आसपास हजारों की संख्या में समाज के लोग पहुँच कर छत्तीसगढ़ के भूपेश बघेल सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर के वक्ताओं के द्वारा खरी खोटी सुनाते हुए मुद्दे आधारित निर्णय पर सार्थक अमल की बात कही गई।
आदिवासी सामाजिक संगठन कर्मचारी संगठन सहित तमाम आदिवासी समुदाय के लोग लगभग 5 घंटा सड़क जाम करके आर्थिक नाकेबंदी सड़क जाम को सफल बनाने में अपनी अहम भूमिका निभाई।
मालवाहक गाड़ियों के अलावा बसों के पहिए झरियाबाहरा के दोनों ओर थमे रहे। दोपहर 2.30 बजे के आसपास समाज प्रमुखो से प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा सड़क जाम बहाल के लिए मान मनौव्वल किया गया तब कहीं जाकर तहसीलदार मैनपुर को प्रमुखों के द्वारा ज्ञापन सौंपते हुए आर्थिक नाकेबंदी सड़क जाम बहाल की गई।
सड़क जाम में खास बात रही जो दिनभर चर्चा का विषय रहा 32 प्रतिशत आरक्षण का पूर्ण बहाली सहित अन्य विषयों पर समाधान के लिए सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के मार्ग निर्देशन पर झरियाबाहरा में आर्थिक नाकेबंदी सड़क जाम किया गया। आयोजन कर्ता सर्व आदिवासी समाज मैनपुर उसके बावजूद भी क्षेत्र से 20% समुदाय के लोग रैली प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए। लेकिन राजापडाव क्षेत्र के सैकड़ों समर्पित निष्ठावान लोगों ने भूखे प्यासे रहकर भी 55 किलोमीटर की दूरी सफर करते हुए झरियाबाहरा पहुंच रैली धरना प्रदर्शन सड़क जाम मे अपना अमूल्य समय दिया गया जिन्हें भुलाया जाना नाइंसाफी होगी ।