बालासोर ट्रेन हादसे में 3 रेल अफसर अरेस्ट : CBI ने इन पर गैर-इरादतन हत्या और सबूतों को मिटाने का केस दर्ज किया

Chhattisgarh Crimes

भुवनेश्वर। 2 जून को ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसा हुआ था। इसमें 293 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

ओडिशा के बालासोर में पिछले महीने हुए ट्रिपल ट्रेन हादसे में CBI ने शुक्रवार को तीन रेल कर्मचारियों को गिरफ्तार किया। इनमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर अरुण कुमार मोहंता, सेक्शन इंजीनियर मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं।

तीनों पर गैर इरादतन हत्या और सबूत मिटाने का आरोप है। इस हादसे में 293 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

सूत्रों का कहना है कि इन तीनों की लापरवाही के कारण ही हादसा हुआ। सूत्रों का यह भी दावा है कि तीनों आरोपी जानते थे कि उनकी लापरवाही से बड़ा हादसा हो सकता है।

दुर्घटना की जांच कर रहे रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) ने पिछले सप्ताह हादसे के लिए सिग्नलिंग विभाग के कर्मचारियों की मानवीय भूल को जिम्मेदार ठहराया था।

पहले जानते हैं CRS की रिपोर्ट में क्या था

बालासोर रेल हादसे की CRS की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि इस दुर्घटना के लिए सिग्नल एंड टेलीकॉम विभाग में कई स्तरों पर खामियां जिम्मेदार थीं। सिग्नल सर्किट डायग्राम में गड़बड़ी नहीं हुई होती ताे 293 यात्रियों की जान नहीं जाती। भविष्य में इस वजह से दुर्घटना न हाे, इसके लिए सीआरएस ने 14 बिंदुओं पर अपनी सिफारिश पेश की है।

जांच रिपोर्ट का निष्कर्ष

दक्षिण पूर्व सर्किल कोलकाता के CRS एएम चौधरी ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि सिग्नल सर्किट के डायग्राम में हुई गलतियों के कारण क्रॉसिंग गेट संख्या-94 के पास कोरोमंडल एक्सप्रेस काे गलत सिग्नल मिल गया। अप मेन लाइन काे अप लूप लाइन क्रॉस ओवर 17 ए/बी से जोड़ने वाला क्रॉस ओवर लूप लाइन पर सेट किया गया था। गलत सिग्नल के कारण कोरोमंडल एक्सप्रेस अप लूप लाइन पर चली गई। वहां खड़ी मालगाड़ी के पीछे वाले वैगन से टकरा गई।