कराची। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नबावशाह जिले में रविवार दोपहर एक रेल हादसे में 25 लोगों की मौत हो गई। 163 लोग घायल हैं। इनमें से 31 की हालत गंभीर बताई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक- रावलपिंडी से चलने वाली हजारा एक्सप्रेस सहारा स्टेशन के पास पटरी से उतर गई। कुछ बोगियां पलट भी गई हैं और ये पास के एक तालाब में गिर गईं। अब तक 22 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। 31 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। अफसरों के मुताबिक- भारी बारिश की वजह से ट्रैक खराब हो गया था और इसी वजह से यह हादसा हुआ।
पाकिस्तान के टीवी चैनल ‘जियो न्यूज’ के मुताबिक- हादसा रविवार दोपहर करीब दो बजे हुआ, लेकिन काफी देर तक कोई जिम्मेदार अफसर मौके पर मौजूद नहीं था। पुलिस ने कुछ लोगों के साथ मिलकर घायलों को निकाला और उन्हें करीब के अस्पताल पहुंचाया। जिस जगह हादसा हुआ, वहां से कराची 275 किलोमीटर दूर है।
जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक- पाकिस्तान में रेल हादसे नई बात नहीं हैं, लेकिन बारिश में ये ज्यादा होते हैं। इसकी वजह ये है कि ज्यादातर रेलवे ट्रैक्स अंग्रेजों की हुकूमत के दौर के हैं और इन्हें न तो कभी अपग्रेड किया गया और न ही नई लाइन बिछाई गईं। सिंध और पंजाब के कुछ हिस्सों में तो हालात बेहद खराब हैं। पिछले साल भी इसी सेक्शन में एक हादसा हुआ था और उसमें 21 लोग मारे गए थे।
रविवार को हुए एक्सीडेंट के बाद कराची की तरफ जाने वाली तमाम ट्रेन रोक दी गईं। अफसरों ने बताया कि इस हादसे से दोनों तरफ की लाइनें टूट गई हैं और इन्हें रीस्टोर करने में काफी वक्त लग सकता है।
रेस्क्यू के लिए आर्मी तलब
‘द न्यूज’ वेबसाइट के मुताबिक- लोकल एडमिनिस्ट्रेशन के पास रेस्क्यू के कोई साधन मौजूद नहीं हैं। लिहाजा, लोकल एडमिनिस्ट्रेशन ने पास के कैंटोनमेंट से आर्मी की एक यूनिट को बुलाया है। फिलहाल, आर्मी भी इस हालत में नहीं है कि ब्रिज और तालाब से घायलों या मारे गए लोगों के शव निकाल सके। इसकी वजह यह है कि इस इलाके में काफी कीचड़ है और वहां किसी तरह के इक्युपमेंट्स भी नहीं पहुंचाए जा सकते। पुलिस ने एक क्रेन जरूर बुलाई, लेकिन वो हादसे वाले जगह तक नहीं पहुंच सकी।
रेलवे मिनिस्टर को हादसे की गंभीरता ही नहीं पता
एक हफ्ते में टेन्योर पूरा करने जा रही पाकिस्तान सरकार के रेलवे मिनिस्टर ख्वाजा साद रफीद को दो घंटे बाद तक इस हादसे की जानकारी ही नहीं थी। मीडिया ने जब उनसे इस बारे में सवाल किया तो उन्होंने कहा- मुझे अभी एक्सीडेंट के बारे में पता लगा है। मैं जानकारी जुटा रहा हूं। फिलहाल, ये नहीं बता सकता कि कितनी बोगियां पटरी से उतरी हैं। वहां की लोकल एडमिनिस्ट्रेशन से संपर्क किया है।
‘द न्यूज’ के मुताबिक- हादसे के बाद बदइंतजामी का आलम ये था कि कोई आला अफसर मौके पर नहीं पहुंच सका। इसकी वजह भारी बारिश बताई गई है। हैरानी की बात ये है कि रेलवे और सिविल एविएशन की जिम्मेदारी एक ही मंत्री के पास है और वो अपने चुनाव क्षेत्र में व्यस्त हैं।