रायपुर। कोरोना काल में अपने पिता को खो चुके बच्चों की फीस माफ की जाएगी। प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने बड़ा फैसला लिया है। घर के मुखिया को खो देने के बाद कई ऐसे परिवार हैं तो आर्थिक संकट से का सामना कर रहे हैं। कोरोना काल में जिन बच्चों के अभिभावकों की असमय मौत हो गई है, उनके लिए निजी स्कूलों ने फीस नहीं लेने का फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि ऐसे सभी स्कूली शिक्षा में अध्ययनरत विद्यार्थी जिन्होंने महामारी में अपने संरक्षक, अभिभावक या कमाने वाले मुखिया को खोया है, उन्हें आरटीई के तहत पंजीकृत कर दिया जाए।
संगठन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि संगठन यह सुनिश्चित करेगा कि जब तक राज्य सरकार इस पर कोई फैसला नहीं लेती है तब तक न ही किसी विद्यार्थी की पढ़ाई रोकी जाएगी और न ही फीस के अभाव में स्कूल से निकाला जाएगा। कोरोना संक्रमण में अनाथ हुए बच्चों को अपने स्कूलों में पढ़ाएगा और उनसे कोई फीस नहीं ली जाएगी।
अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि यदि किसी परिवार में इस तरह कोई विद्यार्थी है, तो उनके स्वजन कोई आसपास के लोग हमारी वेबसाइट cgpsma.com पर पंजीयन करा सकते हैं। यदि कोई दिक्कत हो तो संपर्क नंबर 9993699665 पर बच्चे की जानकारी दे सकते हैं। बता दें कि कोरोना काल में हो रही लगातार मौतों के कारण कई परिवार उजड़ गए हैं।