भाजपा का सवाल : आख़िर नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार कब तक एक्शन मोड में आएगी?

  • नक्सली लगातार बेक़सूरों की जान ले रहे हैं और प्रदेश सरकार केवल मुँहजुबानी जमाख़र्च करने में ही लगी है, उनके ख़िलाफ़ ठोस योजना और नीति तक नहीं बना पा रही है
  • भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने विशाखापट्टनम-किरंदुल ट्रेन को हादसे का शिकार बनाने की विफल नक्सली साजिश और अगवा एसआई मुरली की हत्या को कायराना हरक़त बताया
  • नक्सलियों के ख़िलाफ़ कार्ययोजना और रणनीति बनाने के बजाय जुमलेबाजी करके और केंद्र को चिठ्ठियाँ लिखकर मुख्यमंत्री ग़ैर-ज़िम्मेदाराना राजनीतिक आचरण कर रहे : साय

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश में नक्सलियों के बढ़ते उत्पात और जानलेवा षड्यंत्रों को लेकर प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि आख़िर नक्सलियों से आर-पार की लड़ाई का ढिंढोरा पीटने वाली सरकार कब तक एक्शन मोड में आएगी? प्रदेश में नक्सली लगातार बेक़सूरों की जान के दुश्मन बने बैठे हैं और प्रदेश सरकार केवल मुँहजुबानी जमाख़र्च करने में ही लगी है। श्री साय ने कहा कि हाल ही जवानों को मौत की नींद सुला देने वाले नक्सली अब भी निर्दोषों का खून बहा रहे और प्रदेश सरकार उनके ख़िलाफ़ ठोस योजना और नीति तक नहीं बना पा रही है, यह बेहद शर्मनाक स्थिति है।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने शुक्रवार की रात विशाखापट्टनम-किरंदुल ट्रेन को एक बड़े हादसे का शिकार बनाने की विफल नक्सली साजिश और बीजापुर में तीन दिन पहले अगवा किए गए डीआरजी के एसआई मुरली ताती को मौत के घाट उतारे जाने को नक्सलियों की कायराना हरक़त बताते हुए कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बस्तर दौरे के बाद से नक्सली हड़बड़ाए हुए हैं क्योंकि वे अब यह मानकर चल रहे हैं कि केंद्र सरकार की रणनीतिक तैयारियों के बाद उनका आतंकराज ख़ात्मे की ओर है और इसी बौखलाहट में लोगों में अपना ख़ौफ़ बनाए रखने की गरज से इस तरह की बड़ी वारदातों को अंजाम देकर अपनी कायर-प्रवृत्ति का परिचय दे रहे हैं। श्री साय ने कहा कि एक ओर नक्सली लगातार ख़ून की होली खेलने पर आमादा हैं वहीं दूसरी ओर प्रदेश सरकार उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई के सिर्फ़ ढोल ही पीट रही है, ज़मीनी स्तर पर उनको नेस्त-ओ-नाबूद करने की ज़रा-सी भी इच्छाशक्ति यह सरकार दिखा नहीं रही है। यदि विशाखापट्टनम-किरंदुल ट्रेन के चालक ने सतर्कता नहीं दिखाई होती तो नक्सली अपने साजिशाना रक्तपात की बदनीयती में सफल होकर लगभग 50 यात्रियों की जान ले चुके होते।

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि यह घटना बताती है कि प्रदेश सरकार नक्सलियों के मामले में कितनी लुंज-पुंज नीति पर काम करके छत्तीसगढ़ को नक्सलियों की शरणस्थली बनाने में लगी हुई है। श्री साय ने कहा कि बस्तर में नक्सलियों के रक्तपात की प्रदेश सरकार मुँहज़ुबानी निंदा चाहे जितनी कर ले, लेकिन प्रदेश सरकार को ‘अपनी मित्र सरकार’ बताते नक्सली बेख़ौफ़ आतंक फैलाकर अपने मक़सद को साध रहे हैं और छत्तीसगढ़ में नक्सलियों को ‘भटका हुआ क्रांतिकारी’ बताने और झारखंड में नक्सलियों से चुनाव में ‘सहयोग’ मांगने वाले कांग्रेस नेताओं का नक्सलियों के साथ दोस्ताना रिश्ता तो लोगों के बीच चर्चा का विषय रहा है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार नक्सलियों को ख़िलाफ़ कारग़र कार्ययोजना और रणनीति तक अपने ढाई साल के शासनकाल में तय नहीं कर पाई, उल्टे जुमलेबाजी करके और केंद्र सरकार को चिठ्ठियाँ लिखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश को नक्सली आतंक से मुक्त करने के जितने सुझाव केंद्र सरकार के पाले में डालने का ग़ैर-ज़िम्मेदारान राजनीतिक आचरण कर रहे हैं, उन पर ख़ुद अमल करने को वे स्वतंत्र हैं, लेकिन ऐसा न करके प्रदेश सरकार अपनी बदनीयती का परिचय दे रही है। राज्य सरकार ने अगवा जवान को छुड़ाने कोई पहल नहीं की और न ही किसी मंत्री व मुख्यमंत्री का बयान आया जो सरकार की नक्सल मामलों में गंभीरता पर प्रश्नचिह्न लगाता है ।