रायपुर। सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) का फ्री इलाज होगा। चाहे मरीज बीपीएल हो या एपीएल। यही नहीं डॉ. खूबचंद बघेल योजना में यह बीमारी शामिल है। इससे मरीज चाहे तो निजी अस्पतालों में भी इलाज करवा सकता है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जिला अस्पतालों में जांच होगी और सभी 6 सरकारी व प्रस्तावित 3 नए मेडिकल कॉलेजों में मरीजों का इलाज किया जाएगा। सीजीएमएससी को 1000 एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन खरीदने व सभी मेडिकल कॉलेजों को स्थानीय स्तर पर इंजेक्शन खरीदकर मरीजों को लगाने का अधिकार दे दिया गया है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के 40 से ज्यादा मरीज मिल चुके हैं।
सबसे ज्यादा चर्चा इन दिनों इस बीमारी के इलाज को लेकर है। दरअसल इसके इंजेक्शन काफी महंगे आते हैं इसलिए आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को दिक्कत हो सकती है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह बीमारी डॉ. खूबचंद बघेल योजना के पैकेज में शामिल है। यह बीमारी ब्रोक्टोसिस व एक्जेक्ट्रेशन नाम है, जिससे निजी अस्पतालों में भी फ्री इलाज हो सकता है। प्रदेश में रायपुर, बिलासपुर, रायगढ़, अंबिकापुर, राजनांदगांव व जगदलपुर में मेडिकल कॉलेज हैं। महासमुंद, कांकेर व कोरबा में प्रस्तावित है। मरीज यहां इलाज करवा सकते हैं और सभी जिला अस्पतालों में इसकी जांच की जाएगी।
नेत्ररोग विशेषज्ञों के अनुसार एंफोटेरेसिन-बी इंजेक्शन को तीन सप्ताह यानी 21 दिनों तक देने की जरूरत रहती है। ये इंजेक्शन 350 रुपए से लेकर 3500 रुपए में मिल जाते हैं। थोक बाजार में यह इंजेक्शन नहीं मिल रहा है। ब्लैक फंगस के केस आने के बाद इसकी मांग बढ़ गई है और कंपनियां इसकी सप्लाई नहीं कर पा रही है।
तीन हफ्ते इंजेक्शन
सभी मेडिकल कॉलेजों में ब्लैक फंगस का फ्री इलाज होगा। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना के पैकेज में यह बीमारी ब्रोक्टोसिस व एक्जेक्ट्रेशन नाम से है। मरीजों को तीन हफ्ते इंजेक्शन लगाने की जरूरत रहती है। इसकी कीमत 350 से 3500 रुपए तक है। – डॉ. सुभाष मिश्रा, मीडिया प्रभारी स्टेट कोरोना सेल