दरअसल, गुरुवार को चक्रधर समारोह के मंच पर प्रोजेक्ट दिव्य धुन के दिव्यांग बच्चों ने सुरों से सजी अपनी प्रस्तुति दी। सुरों की इस जादुई धुन ने दर्शकों को भावुक कर दिया। यह साबित कर दिया कि हुनर की कोई सीमा नहीं होती। प्रोजेक्ट दिव्य धुन के तहत दिव्यांग बच्चों का एक विशेष बैंड बनाया गया है।
जिन्हें कला केंद्र रायपुर में प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रसिद्ध गायक राहुल ठाकुर ने भी अपने स्वरों से वातावरण को और अधिक मधुर व भावपूर्ण बना दिया।
बाल कलाकार की कथक प्रस्तुति
मध्यप्रदेश के सतना की बाल कलाकार नित्या शर्मा ने चक्रधर समारोह के मंच पर अपनी कथक प्रस्तुति से विशेष पहचान बनाई। भगवान गणेश की वंदना से शुरू हुई प्रस्तुति में भाव, लय और ताल का ऐसा समन्वय देखने मिला। जिसने प्रस्तुति को खास बना दिया।
चार साल की उम्र से कथक का अभ्यास कर रही नित्या अभी उस्ताद अलाऊद्दीन खान संगीत महाविद्यालय सतना से माध्यमिक शिक्षा ले रही है।
शिव स्तुति की आकर्षक प्रस्तुति
14 साल की राष्ट्रीय कथक नृत्यांगना युग रत्नम ने शिव स्तुति की आकर्षक प्रस्तुति देकर दर्शकों का दिल जीत लिया। नृत्य की हर मुद्रा और भाव में भक्ति का गहन स्वरूप दिखाई दिया। जिसने वातावरण को शिवमय बना दिया। रायगढ़ घराने से संबंध रखने वाली युग रत्नम बचपन से ही कथक की साधना कर रही है।
कथक की प्रस्तुति से बांधा समां
दुर्ग के सुप्रसिद्ध कथक नृत्याचार्य गुरु तरुण शर्मा और उनकी शिष्याएं शारवी सिंह परिहार व रीति लाल ने भाव, मुद्रा, लय और भक्ति का ऐसा संगम प्रस्तुत किया। जिसने दर्शकों को गणेश, शिव और शक्ति की परम चेतना से जोड़ दिया।
इस कार्यक्रम की शुरुआत “सर्वमंगल मंगल्याय” गणेश वंदना से हुई, जिसे खुद गुरु तरुण शर्मा ने प्रस्तुत किया। इसके बाद शारवी सिंह परिहार ने देवी स्तुति और रीति लाल ने शिव पंचाक्षरी स्तोत्र की प्रस्तुति दी।