घटना के 22 दिन बाद में प्रबंधन और ठेकेदार पर यह कार्रवाई की गई है। जांच में यह भी सामने आया है कि काम के दौरान लेबर को सेफ्टी की किट नहीं दिया गया था। अब पढ़े पूरी घटना के बारे में
एफआईआर के अनुसार, हादसा 12 अगस्त की दोपहर तीन बजे हुआ था। शिवकुमार यादव की ड्यूटी किलन (गरम भठठा ) को सफाई करने के लिए निरीक्षण में लगी हुई थी। इस दौरान वो भट्टी से निकलने वाली राख के गर्म अलाव की तपिश के चपेट में आ गया।
साथी कर्मचारियों ने उसे तत्काल पचपेड़ी नाका स्थित प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। 22 दिन की जांच के बाद FIR
शिव कुमार की मौत की जानकारी मिलने पर पुलिस ने जांच शुरू की और 22 दिन के बाद शिल्पी स्टील प्रबंधन-ठेकेदार पर एफआईआर दर्ज की है।
शिल्पी स्टील प्रबंधन के डायरेक्टर विजय अग्रवाल और नितिन कुमार अग्रवाल बताए जा रहे है। जांच अधिकारियों ने इस मामले में कंपनी प्रबंधन के जिम्मेदारों को नोटिस देकर बुलाने की बात कही है।
लगातार हो रहे फैक्ट्रियों में हादसे
मजदूरों की सुरक्षा को लेकर यह पहला मामला नहीं है। इंडस्ट्रियल एरिया में पहले भी कई बार इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जहां सेफ्टी किट की कमी और लापरवाही के चलते मजदूरों की जान गई है।