जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल, तखतपुर क्षेत्र में रहने वाली महिला ने छेड़खानी और लूटपाट की शिकायत की थी। महिला के पति ने आरोप लगाया कि, जब वे शिकायत लेकर पहुंचे तो टीआई अनिल अग्रवाल ने पहले एफआईआर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित महिला ने एक युवक के माध्यम से संपर्क किया।
तब केस दर्ज कराने के लिए टीआई अग्रवाल ने 30 हजार रुपए की डिमांड की। पीड़ित ने एडवांस में 10 हजार रुपए भी दिए। फिर एफआईआर होने के बाद बाकी रुपए दिए गए।
लूट की नहीं लगाई धारा, आरोपी से पैसे लेकर दिया मुचलका इधर, पैसे लेने के बाद टीआई ने छेड़खानी का मामला दर्ज कर लिया। लेकिन, एफआईआर में लूटपाट की धाराएं नहीं लगाई गई। पुलिस ने जब आरोपी को गिरफ्तार किया, तब टीआई ने मुचलका देने के लिए आरोपी से 20 हजार रुपए ले लिए। इसकी जानकारी होने पर पीड़ित महिला और उसके पति एसपी ऑफिस पहुंच गए।
अवैध उगाही की जानकारी मिलने पर एसएसपी रजनेश सिंह टीआई अनिल अग्रवाल पर भड़क गए। उन्होंने पूरे मामले की जांच कराने के बाद टीआई अनिल अग्रवाल को लाइन अटैच कर दिया है।
शिकायत के बाद एसएसपी की चेतावनी पर लौटाए रुपए
अवैध वसूली का मामला सामने आने के बाद एसएसपी रजनेश सिंह ने टीआई पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने दो टूक चेतावनी देते हुए टीआई अग्रवाल को निर्देशित किया कि, महिला को तत्काल उसके पैसे लौटा दे। जिससे घबराए टीआई अग्रवाल ने महिला को उसके पैसे लौटा दिए।
महिला का आरोप है कि, आरोपी से भी 20 हजार रुपए लेकर उसे मुचलके पर छोड़ा गया है। महिला और उसके पति ने आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। पहले से बदनाम है टीआई अनिल अग्रवाल
निरीक्षक अनिल अग्रवाल इससे पहले सिविल लाइन थाने में एसआई के पद पर कार्यरत थे। तब उन पर मिट्टी तेल चोरी करने वालों को थाने लाकर छोड़ने का आरोप लगा था। इस मामले में उनके खिलाफ विभागीय जांच चली थी। बाद में उनका जिले से तबादला हो गया।
निरीक्षक बनने के बाद उनकी पोस्टिंग फिर से जिले में हुई। यहां उन्हें बेलगहना चौकी और कोटा थाने का प्रभार सौंपा गया। कोटा थाने में पोस्टिंग के दौरान भी उन पर अवैध वसूली करने के आरोप लगे थे। जिस पर एसएसपी ने उन्हें हटा दिया था।