
किन कोर्सों में मिलेगी पढ़ाई की सुविधा
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग के तहत किन पाठ्यक्रमों का संचालन होगा, इसका निर्धारण विवि ही करेगा जाएगा। इसके बाद विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर कोर्स से जुड़ी जानकारी अपलोड कर आवेदन प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आमतौर पर ODL में वही कोर्स शामिल होते हैं जिनमें प्रायोगिक या लैब वर्क की आवश्यकता नहीं होती।
जिन विषयों में लैब कार्य जरूरी है, उन्हें इस पद्धति में शामिल नहीं किया जाता। इस संबंध में यूजीसी ने अलग से दिशा-निर्देश बनाए हुए हैं, जिनके आधार पर रविवि अपने कोर्स तय करेगा।
क्या है ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग
ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग कोर्स में छात्रों को कक्षाओं में उपस्थित रहना अनिवार्य नहीं होता। पारंपरिक कोर्सों की तरह इसमें 75% उपस्थिति की बाध्यता नहीं है। छात्र घर बैठे डिग्री, डिप्लोमा या सर्टिफिकेट कोर्स में दाखिला लेकर अपनी पढ़ाई पूरी कर सकते हैं। यह व्यवस्था खास तौर पर नौकरीपेशा और समयाभाव वाले छात्रों के लिए उपयोगी है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हालांकि स्वाध्यायी छात्रों के लिए कुछ दिनों की कक्षाएं अनिवार्य की गई हैं, लेकिन यह संख्या बहुत सीमित है।
इसलिए जरुरी है ODL
रविवि में पहले से ही हजारों छात्र नियमित कोर्सों में अध्ययनरत हैं। ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग शुरू होने से अधिक छात्रों को उच्च शिक्षा तक पहुंचने का अवसर मिलेगा। साथ ही विवि को ऑनलाइन एजुकेशन प्लेटफॉर्म को मजबूत करने का मौका भी मिलेगा।