केंद्रीय वित्त मंत्री से बोले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल- एनपीएस के 17 हजार 240 करोड़ रुपए लौटाए केंद्र सरकार

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नई दिल्ली। शुक्रवार को दिल्ली में बजट से पहले की बैठक आयोजित की गई है। इस बैठक में देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचे हैं। जिनमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी हैं। उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की। और NPS से जुड़ी राशि की मांग की है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- राज्य को एनपीएस की 17,240 करोड़ की राशि लौटाई जाए, राज्य का अंश पृथक पेंशन निधि में जमा किया जाएगा। इस बैठक में बजट 2023 को लेकर वित्त मंत्री से अहम मुद्दों पर चर्चा की जा रही है। नई दिल्ली के विज्ञान भवन में देश के सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इसी में CM बघेल भी शामिल हैं।

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले सप्ताह शिमला में कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में जमा पैसा इसमें योगदान करने वाले व्यक्तियों का है और कानून के तहत राज्य सरकारें इसे नहीं ले सकती हैं। सीतारमण ने कहा राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र से पैसा लौटाने के लिये कह रही हैं, लेकिन कानून के तहत ऐसा नहीं किया जा सकता है।

राजस्थान और छत्तीसगढ़ दोनों कांग्रेस शासित राज्यों ने सरकारी कर्मचारियों के लिये पुरानी पेंशन व्यवस्था (OPS) फिर से लागू करने को अधिसूचित किया है। राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र कर्मचारियों का पैसा नहीं रख सकता है।

पेंशन के पैसों को लेकर मंत्री सीतारमण ने शिमला में मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए कहा कि, ‘‘कानून के तहत, एनपीएस के तहत केंद्रीय मद में जमा पैसा राज्यों को नहीं जा सकता, यह केवल उन कर्मचारियों के पाए जाएगा, जो इसका योगदान कर रहे हैं. क्या हम कानून बदल सकते हैं? यह केंद्र के पास जमा कर्मचारियों का पैसा है। यह पैसा केवल लाभार्थी कर्मचारियों के पास जाएगा न कि किसी एक प्राधिकरण या इकाई के पास है, उन्होंने कहा कि मैं यहां राजनीति की बात नहीं कर रही हूं. मैं केवल कानून की बात कर रही हूं.”

पिछले साल दिसंबर के महीने में भी बजट 2022 से पहले बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीतारमण से कई मांगें की थीं जो लंबित हैं। इनमें मुख्यमंत्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति की भरपाई, कोल उत्खनन पर केंद्र के पास जमा 4,140 करोड़ रुपये छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने एवं नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 15 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग की थी।