कांग्रेस विधायक का आरोप, पुलिस ग्रामीणों को जबरदस्ती पकड़कर बता रही है नक्सली

Chhattisgarh Crimes

नारायणपुर। तो क्या पुलिस ग्रामीणों को फर्जी नक्सली बता रही है ? क्या पुलिस झूठा आत्मसमर्पण करा रही है ? ये सवाल आज नहीं सालों से पूछा जा रहा है। लेकिन इस बार ये सवाल बड़ा भी है और आरोप बेहद गंभीर भी….क्योंकि सवाल विपक्षी दलों ने नहीं पूछा है, बल्कि सत्ता पक्ष के ही विधायक ने उठाया है। वो भी उस विधायक ने जो सिलगेर मामले बनायी गयी कमेटी के सदस्य हैं। नारायणपुर विधायक चंदन कश्यप का आरोप है कि पुलिस ग्रामीणों को जबरदस्ती पकड़कर नक्सली बता रही है।

कल सिलगेर मामले की जांच करने जाने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में चंदन कश्यप ने कहा कि….“सिलगेर में जो घटना हुई वो घटना नहीं घटनी चाहिये थी, घटना के बाद कई लोग जा रहे हैं, हमलोगों को भी मुख्यमंत्री ने जाकर मामले की जांच करने को कहा है, हमलोग कल मौके पर जायेंगे और एक बात हमारे नारायणपुर के ओरछा और नारायणपुर ब्लाक में पुलिस कई लोगों को घरों से ले जाकर नक्सली घोषित कर रही है। हम तो डीआई को भी बोले थे कि नक्सलियों की सूची दीजिये, लेकिन आज तक सूची भी नहीं दिया गया”

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस कैंप को लेकर बीजापुर के सिलगेर में चल रहे पुलिस और ग्रामीणों के बीच तनाव को खत्म करने के लिए एक कमेटी बनायी है। इस कमेटी में बस्तर सांसद दीपक बैच चेयरमैन हैं, जबकि बस्तर के आठ विधायक को उसमें शामिल किया गया है। 9 सदस्यीय कमेटी में चंदन कश्यप भी शामिल हैं। दौरे के पहले ही जिस तरह से चंदन कश्यप का बयान सामने आया है, उससे साफ है कि नक्सलियों के मुद्दे पर एक बार फिर सियासी फसाद बढ़ेगा।

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