DGP अशोक जुनेजा को राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग ने जारी किया नोटिस

Chhattisgarh Crimes

रापयुर। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)ने एक मीडिया रिपोर्ट को स्वत: संज्ञान लिया है. जिसमें एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि वह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों द्वारा अपने पिता को बेरहमी से पीटते हुए देखने का अपमान सहन नहीं कर सका और आत्महत्या कर ली. इस मामले में आयोग ने छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को नोटिस जारी किया है.

आयोग का कहना है कि यदि घटना सही है तो ये पीड़ितों के जीवन और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है. जाहिर तौर पर, किसी को बाइक से टक्कर मारने का यह एक मामूली मामला था, लेकिन पुलिस द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के कारण उसने ना केवल पीड़ित के पिता को अवैध रूप से गिरफ्तार कर हिरासत में लिया, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा भी. जिसे सहन ना कर पाने की वजह से उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली. पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है.

बता दें कि बीते 30 नवंबर को बिलासपुर में पुलिस द्वारा पिता की पिटाई से आहत बेटे ने आत्महत्या कर ली. मामले में मारपीट करने वाले आरक्षक रूपलाल चंद्रा को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया था. दरअसल, बिल्हा थाना क्षेत्र में बाइक से छात्रा का एक्सीडेंट होने पर छात्रा ने थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने आरोपी युवक के पिता की पिटाई कर दी थी, जिससे आहत युवक ने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजन और इलाके के ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने का घेराव कर कार्रवाई की मांग की थी.