बिलासपुर में युवक के आत्महत्या मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने डीजीपी अशोक जुनेजा से मांगा जवाब

Chhattisgarh Crimes

रापयुर. राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC)ने एक मीडिया रिपोर्ट को स्वत: संज्ञान लिया है. जिसमें एक 23 वर्षीय व्यक्ति ने चलती ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली थी, क्योंकि वह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक पुलिस स्टेशन में पुलिस कर्मियों द्वारा अपने पिता को बेरहमी से पीटते हुए देखने का अपमान सहन नहीं कर सका और आत्महत्या कर ली. इस मामले में आयोग ने छत्तीसगढ़ पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा को नोटिस जारी किया है.

आयोग का कहना है कि यदि घटना सही है तो ये पीड़ितों के जीवन और गरिमा के अधिकार का उल्लंघन है. जाहिर तौर पर, किसी को बाइक से टक्कर मारने का यह एक मामूली मामला था, लेकिन पुलिस द्वारा शक्ति के दुरुपयोग के कारण उसने ना केवल पीड़ित के पिता को अवैध रूप से गिरफ्तार कर हिरासत में लिया, बल्कि उसे बुरी तरह पीटा भी. जिसे सहन ना कर पाने की वजह से उसके बेटे ने आत्महत्या कर ली. पुलिस कर्मियों के स्पष्ट असंवेदनशील और अमानवीय रवैये के कारण एक अनमोल मानव जीवन खो गया है.

इस मामले में आयोग ने डीजीपी अशोक जुनेजा को नोटिस जारी कर चार हफ्ते के भीतर मामले में जिम्मेदार पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई सहित पीड़ित परिवार को कोई राहत दी गई है या नहीं, इसके संबंध में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. इस बीच, आयोग ने छत्तीसगढ़ राज्य के लिए अपने विशेष प्रतिवेदक उमेश कुमार शर्मा को छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में संबंधित पुलिस स्टेशन का दौरा करने के लिए कहा है. ताकि ये पता लगाया जा सके कि डी.के. बसु बनाम पश्चिम बंगाल राज्य 1997 (1) SCC 416 में उच्‍चतम न्‍यायालय के निर्देशों का संबंधित जिले के पुलिस अधिकारियों द्वारा कैसे उल्लंघन किया गया है और उन दोषी लोक सेवकों का पता लगाने के लिए भी कहा गया है, जिन्‍होंने कथित पीड़ित को यातनाएं दी, जो संवैधानिक रूप से निषिद्ध है. साथ ही यातना के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र अनुबंधों के मुख्य सिद्धांतों के विरुद्ध है. उनसे अधिकारियों पर बेहतर जवाबदेही तय करके हिरासत में यातना के इस खतरे को रोकने के उपाय सुझाने की भी आशा है. उनसे रिपोर्ट दो महीने के भीतर प्राप्‍त होना अपेक्षित है.

ये था मामला-

बता दें कि बीते 30 नवंबर को बिलासपुर में पुलिस द्वारा पिता की पिटाई से आहत बेटे ने आत्महत्या कर ली. मामले में मारपीट करने वाले आरक्षक रूपलाल चंद्रा को एसएसपी ने सस्पेंड कर दिया था. दरअसल, बिल्हा थाना क्षेत्र में बाइक से छात्रा का एक्सीडेंट होने पर छात्रा ने थाने में शिकायत की, तो पुलिस ने आरोपी युवक के पिता की पिटाई कर दी थी, जिससे आहत युवक ने रेल से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजन और इलाके के ग्रामीण बड़ी संख्या में थाने का घेराव कर कार्रवाई की मांग की थी.