दिव्यांग दीपक कुमार दम तोड़ती सरकारी सिस्टम के आगे लाचार

Chhattisgarh Crimes

दिव्यांगों के लिए छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा अनेकों कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। उसके बाद भी उसका लाभ वास्तविक रूप से सुदूर जंगल पहाडी़ इलाकों के गांव में रहने वाले दिव्यांगों को नहीं मिल रहा है। जिससे स्पष्ट रूप से प्रतीत होता है,कि छत्तीसगढ़ शासन के पास दिव्यांगों का वास्तविक रुप से आंकड़ा नहीं है। अगर होता तो सुदूर अंचलों में रहने वाले दिव्यांगों के वास्तविक स्थिति का पता लगाते हुए उनके लिए जो योजनाएं शासन-प्रशासन के द्वारा संचालित किया जा रहा है,उसका लाभ ईमानदारी के साथ उन लोगों को मिलता। हम बताने जा रहे हैं 80% दिव्यांग दीपक कुमार मरकाम किस तरह दम तोड़ती सरकारी सिस्टम के चलते जीवन जीने को मजबूर हैं।

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पूरन मेश्राम/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स

मैनपुर। ब्लाक मुख्यालय मैनपुर से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर बसा ग्राम जरहीडीह जहां जंगल पहाड़ियों में रहने वाले दीपक कुमार मरकाम पिता समारू राम मरकाम उम्र 35 वर्ष जाति गोड़ जो अपने परिवार के साथ जंगल के किनारे खेती होने के कारण वही निवास करते हुए बड़ी मुश्किलों से अपनी जिंदगी निर्वहन कर रहा है। दीपक के परिवार में पत्नी के अलावा चार छोटे-छोटे बच्चे है। यहां हम आपको बतादे कि दीपक को 2 वर्ष पूर्व बैटरी चलित ट्राईसाईकिल शासन प्रशासन के द्वारा दिया गया था। लेकिन कुछ महीनों में ही बैटरी चलित ट्राईसिकल के खराब हो जाने के कारण दिव्यांग दीपक को पहले जैसे हालात में जीवन जीना पड़ रहा है।

बैटरी चलित ट्राईसाईकिल के खराब हो जाने से दिव्यांग दीपक को पूर्व की भांति आने जाने में भयंकर परेशानियां होने लगी है। घर के मुखिया होने के कारण सोसायटी से खाद्यान्न सामग्रियां के अलावा अन्य दैनिक कार्यों के लिए दूसरों के ऊपर अधीन होना पड़ता है। मानवता के कारण कई बार दूसरों के सहयोग से उसका दैनिक कार्यों का निर्वहन हो पाता है। लेकिन कब तक दूसरों के अधीन होकर अपना कार्य करता रहेगा।

खराब पड़े ट्राईसाईकिल के मरम्मत नहीं होने के कारण दिव्यांग बेहद परेशान है। आने जाने के अलावा अन्य कार्यों को करने के लिए दिव्यांग होने के चलते असक्षम हैं। सरकारी सिस्टम भी ऐसा हैं कि एक बार योजना के तहत् ट्राईसाइकिल देने के बाद अपने कर्तब्यो से इति श्री कर लेता है, उसके बाद यह जानने की कोशिश भी जिम्मेदार नहीं करते हैं कि जिस हितग्राही को योजना का लाभ दिया गया हैं उसकी वर्तमान स्थिति कैसी है। आज दीपक इसी सरकारी सिस्टम के उदासीनता का खामियाजा भुगतने मजबूर हैं जो दुर्भाग्य जनक है।

जिला के कलेक्टर एवं संबंधित विभाग से तत्काल मोटराइज्ड ट्राईसाईकिल की मांग दिव्यांग दीपक कुमार मरकाम ने किया है।

इस संबंध में क्या कहते हैं अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि

** जनपद सभापति एवं क्षेत्रीय जनपद सदस्य घनश्याम मरकाम का कहना है कि दिव्यांग दीपक कुमार मरकाम को 2 वर्ष पूर्व प्रदत मोटराइज्ड ट्राईसिकल को तत्काल मरम्मत के लिए संबंधित अधिकारी को बोल कर के मरम्मत कराई जावेगी।

** पंचायत इस्पेक्टर राजकुमार ध्रुवा,, दिव्यांग दीपक कुमार मरकाम बीच में आया था अभी खरीदी होने पर प्रथम नाम दीपक कुमार का है। इस महीना उसको नया बैटरी चलित ट्राईसिकल मिल जाएगा।