गांवों में डोर-टू-डोर टेस्टिंग और ऑक्सीजन सप्लाई का इंतजाम किया जाए : प्रधानमंत्री मोदी

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नई दिल्ली. देश में कोरोना के कहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हाई-लेवल मीटिंग की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हाई पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में टेस्टिंग बढ़ाई जाए। उन्होंने गांवों में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि गांवों में डोर-टू-डोर टेस्टिंग और सर्विलांस की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा उन्होंने वेंटिलेटर्स का इस्तेमाल नहीं होने पर भी नाराजगी जताई है।

मीटिंग के दौरान बताया गया कि मार्च के शुरुआती हफ्ते में करीब 50 लाख टेस्ट किए जा रहे थे, जिसे अप्रैल में बढ़ाकर हर हफ्ते 1.3 करोड़ टेस्ट कर दिए गए हैं। इस दौरान उन्होंने ग्रामीण इलाकों में ऑक्सीजन की प्रॉपर सप्लाई की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों को वेंटिलेटर और अन्य उपकरणों को ऑपरेट करने के लिए ट्रेनिंग दी जानी चाहिए।

मीटिंग में प्रधानमंत्री की 3 अहम बातें

1. ग्रामीण इलाकों में कोरोना फैलने से रोकना होगा
उन्होंने ग्रामीण इलाकों में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में जरूरी उपकरणों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में होम आइसोलेशन और इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।

2. राज्यों को दिए गए वेंटिलेटर्स का ऑडिट हो
प्रधानमंत्री ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर का उपयोग सही से नहीं होने की कुछ रिपोर्टों को गंभीरता से लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि केंद्र सरकार की ओर से मुहैया कराए गए वेंटिलेटर्स की इंस्टालेशन और ऑपरेशन का तत्काल ऑडिट किया जाना चाहिए।

3. गांवों के लिए डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी तैयार की जाए
प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में ऑक्सीजन की सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन पॉलिसी तैयार की जाए। इसमें ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को भी शामिल किया जाए। चिकित्सा उपकरणों के सुचारू ऑपरेशन के लिए बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जानी चाहिए।

वैक्सीनेशन की रफ्तार पर भी चर्चा हुई

मीटिंग में देश में कोरोना के हालात का रिव्यू किया गया। इस दौरान देश में वैक्सीनेशन की रफ्तार को लेकर भी चर्चा हुई। मीटिंग में सरकार की तैयारी के बारे में प्रधानमंत्री को बताया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय, गृह मंत्रालय और नीति आयोग से जुड़े सीनियर अफसर शामिल हुए।