करंट की चपेट में आने से बिजली ठेका कर्मी की मौत

Chhattisgarh Crimes

देवभोग।  देवभोग वितरण केंद्र में आज सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक के लिए पावर कट ऊपर से घोषित था।दिन भर के लिए गुल होने वाली थी बिजली लेकिन ठेका कर्मी की जल्दबाजी ने उसे मौत के मुंह तक पंहुचा दिया। मूच बहाल में 11 केवी लाइन का जंफर कट गया था,जिसे जोड़ने के लिए आज सुबह लगभग 8.50 बजे बिजली कर्मी गजेंद्र मांझी ने बाय फोन कंट्रोल रूम से परमिट लेकर चढ़ गया। काम पुरा होने से पहले ही परमिट वापस करने की बड़ी चूक के कारण 11 के वी में करांट दौड़ी व 9 बजे के आसपास गजेंद्र मांझी की मौत हो गई। करेंट से चिपकने के बाद कुछ देर तड़पता रहा और खंभे के ऊपर ही उसकी मौत हो गई।घटना के सूचना के बाद विभाग के सहायक अभियन्ता यशवंत ध्रुव और देवभोग पुलिस मौके पर पहुच,आवश्यक कार्यवाही कर पीएम के बाद शव परिजनों के सुपर्द कर दिया है ।थाना प्रभारी गौतम गावड़े ने कहा की मर्ग कायम किया गया है,मामले की जांच की जाएगी।वही सहायक अभियंता यशवंत ध्रुव ने कहा की मामले में प्रथम दृष्ट्या कंट्रोल रूम में ऑपरेट की गलती नजर आ रही है।विधिवत जांच के बाद आवश्यक कार्यवाही होगी ।मृतक परिवार को भी बीमा के प्रावधान के तहत आर्थिक मदद दी जाएगी।

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ऑपरेटर भूल गया गजेंद्र की परमिट को

मिली जानकारी के मुताबिक धौराकोट फीडर के लिए अधिकृत सविदा कर्मी दीपेश राव ने झराबहाल के खंभे में आए फाल्ट के सुधार के लिए 8.45 बजे परमिट लिया,काम 9 बजे के आसपास खत्म कर कंट्रोल रूम में बैठे कर्मी गोस्वामी दास सांडिल्य को काम खत्म होने की जानकारी दी,इसी समय गजेंद्र मांझी दीपेश राव के जानकारी के बगैर उसके फिडर में जमफर जोड़ने खंभे पर चढ़ा था।गजेंद्र के फाल्ट सुधार की जानकारी केवल कंट्रोल रूम कर्मी के पास थी,गजेंद्र गिरशुल फिडर में काम करने वाले गैंग का सदस्य था जिसके कारण दीपेश उसके लोकेशन से अनजान था।दीपेश राव के परमिट वापसी के समय शायद कंट्रोल रूम कर्मी गजेंद्र के काम को भूल गया,और लाइन चालू करते वक्त बड़ा हादसा हो गया।

स्टाफ की कमी ने परमिट प्रोटोकॉल को बिगाड़ा

बिजली विभाग ने मेंटेंनेंस कार्य का परमिट अहम हिस्सा होता है, तय नियम के मुताबिक विभाग के नियमित कर्मी को कंट्रोल रूम में निर्धारित पंजी में लिखित उल्लेख कर परमिट(बिजली सप्लाई रोकना) लेना होता है।काम खत्म होने की भी लिखित एंट्री के बाद परमिट वापसी का प्रावधान है।लेकिन यहां स्टाफ की भारी कमी को देखते हुए इस नियम के पालन में भारी ढील दी गई है।आज हुआ हादसा भी इसी ढील का दूष्परिनाम था।गजेंद्र मांझी आउट सोर्स कर्मी था,परमिट देने के लिए कंट्रोल रूम की जवाबदारी भी ठेका कर्मी है।बगैर किसी जवाबदार व अधिकृत कर्मी के ही परमिट दे दिया गया था।गजेंद्र का दूसरे फीडर में काम करना भी जांच का विषय है।

सुरक्षा मानकों का भी पालन नही हुआ, अब तक 5 से ज्यादा कर्मियो ने गवाया जान

काम पर लगे ज्यादातर कर्मी सुरक्षा मानकों का ध्यान नही देते। खम्भा में चढ़ने से पहले डिस्चार्ज रॉड,झूला,सेफ्टी बेल्ट, दस्ताना जैसे आवश्यक सामग्री का उपयोग नही किया गया।विगत 20 वर्षो में मेंटेनेस के वक्त अलग अलग फिडर में 5 से ज्यादा कर्मियो ने अपनी जान गवाया है।