नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ एक महीने से ज्यादा समय से चल रहे गतिरोध को दूर करने के लिए किसान संगठनों और तीन केंद्रीय मंत्रियों के बीच सातवें दौर की बातचीत भी सोमवार को बेनतीजा साबित हुई। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया जा सकता है। हालांकि, किसान कानूनों को रद्द किए जाने की मांग पर कायम हैं। अब अगली बैठक 8 जनवरी को होगी। बैठक खत्म होने के बाद भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों ने सरकार का दिया संशोधन फाड़ दिया। आज की बातचीत में किसी भी मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है।