महासमुंद के ग्राम परसाडीह की घटना
महासमुंद। जिले के परसाडीह गांव में शुक्रवार शाम को खेत में दवा छिड़क रहे किसान मनीराम की हाथी के हमले से मौत हो गई। किसान मनीराम अपने 15 साल के बेटे जयलाल के साथ दवाई छिड़कने खेत में गए हुए थे। 15 साल के जयलाल ने शुक्रवार की शाम जो देखा शायद ही कभी भूल पाए। बेटे ने अपनी आंखों के सामने पिता की मौत देखी। गुस्साया जंगली हाथी उसके पिता को पैरों से रौंदने की कोशिश कर रहा था, सूंड से उठाकर पटक रहा था। खेत के कीचड में किसी चीज की तरह जयलाल के पिता के शरीर पर हाथी अपनी खीझ निकाल रहा था।
हड़बड़ा के पास के पेड़ पर अपनी जान बचाने के लिए चढ़ा जयलाल बेबसी में बचाने की गुहार लगा रहा था। बेटे ने गांव के लोगों को फोन किया तब लोग भागे-भागे खेत की ओर आए। मगर जयलाल के पिता की जिंदगी बच न सकी। ग्रामीणों में से किसी ने मशाल तो किसी ने शोर करके हाथी को खदेड़ा। हाथी ने उसके शव को पैरों से दबाया और फिर जंगल की तरफ भाग गया।
मामले में डीएफओ पंकज राजपूत ने बताया हाथी के हमले से एक ग्रामीण की मौत की जानकारी मिली है। उसकी बॉडी रिकवर कर ली गई है। अब मौके पर वन विभाग की टीम पहुंच चुकी है। हाथी के लोकेशन को समझकर दूसरे गांव के लोगों को भी आगाह किया जा रहा है।
अब तक की जांच में ये बात सामने आई है कि 45 साल का मनीराम अपने 15 साल के बेटे जयलाल के साथ खेत में दवा का छिड़काव करने गया हुआ था। बेटा खेत के मेढ़ पर बैठा हुआ था और मनीराम खेत में दवा छिड़क रहा था। इसी दौरान जयलाल ने एक दंतैल हाथी को खेत की ओर बढ़ते हुए देखा और अपने पिता को आवाज लगाई। बेटे की आवाज सुनकर मनीराम ने भागने की कोशिश की। लेकिन पीठ पर लदे 15 लीटर दवा और पानी से भरे स्पेयर के भार के चलते वो तेजी से भाग नहीं पाया और दंतैल ने उसे पटककर मार डाला।