फ्लाई ऐश से मानव जीवन को खतरा फिर भी जारी हैं रेल से परिवहन, क्या इस पर रोक लगाएगा प्रशासन!

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। फ्लाई ऐश का परिवहन रेल मार्ग से जिस तरह से लापरवाही पूर्वक खुलेआम किया जा रहा है उससे मानव जीवन तो खतरे में है ही साथ में प्राकृतिक आबोहवा को भी दूषित कर रहा है। मानव जीवन के साथ के साथ हो रहें इस खिलवाड़ पर प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा या प्रशासन तब अपनी कुंभकर्णी नीद से जागेगा जब कोई बडा आंदोलन होगा।

यहां हम आपको बतादे की अम्बुजा सीमेंट रवान, अल्ट्राटेक रवान,एवं हिरमी सहित कुछ सीमेंट सयंत्र द्वारा विगत कुछ वर्षों से रेलमार्गों से फ्लाई ऐश का खुलेआम परिवहन किया जा रहा है। जिससे सयंत्रो के आसपास 20 किलोमीटर के क्षेत्र में आने वाले ग्रामों मे स्वास्थ्य एवं पर्यावरण मे प्रदूषण बहुत ही तेजी से फैल रहा है जिससे ग्रामीणों मे आक्रोश की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं जो कभी भी उग्र आंदोलन का रूप धारण कर सकती है। आपको बताते चलें कि फ्लाई ऐश एक बारीक पाउडर है, जो तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले के जलने से उप-उत्पाद के रूप में प्राप्त होता है।

इसमें भारी धातु होते हैं और साथ ही PM 2.5 और ब्लैक कार्बन भी होते हैं.। इसमें पाया जाने वाला PM 2.5 हवा के माध्यम से उड़ते-उड़ते 20 किलोमीटर तक फ़ैल जाता है. यह पानी और अन्य सतहों पर जम जाता है.। फ्लाई ऐश में सिलिका, एल्यूमीनियम और कैल्शियम के ऑक्साइड की पर्याप्त मात्रा होती है। आर्सेनिक, बोरान, क्रोमियम तथा सीसा जैसे तत्त्व भी सूक्ष्म मात्रा में पाए जाते हैं. इस प्रकार इससे पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट उत्पन्न होता है.। फ्लाई ऐश तो वातावरण में फैलता ही है , साथ ही साथ कई बार फैक्ट्रियाँ फ्लाई ऐश को जमा कर के बाहर उनका भंडार बना देती हैं. ये सारे कचरे जमा हो-हो कर कभी-कभी पहाड़ जैसा बन जाते हैं।वहाँ से फ्लाई ऐश वातावरण को प्रदूषित करते ही हैं और बहुधा नदी नहरों में भी फ्लाई ऐश के अंश चले जाते हैं,चुकी फ्लाई ऐश तापीय विद्युत उत्पादन में कोयले के जलने से उत्पन्न उपोत्पाद है। फ्लाई ऐश में पर्याप्त मात्रा में सिलिकॉन डाइऑक्साइड (SiO2), एल्युमीनियम ऑक्साइड (Al2O3), फेरिक ऑक्साइड (Fe2O3) और कैल्शियम ऑक्साइड (CaO) शामिल होते हैं।

यह पोर्टलैंड सीमेंट के समान दिखता है परंतु रासायनिक रूप से अलग है। पोर्टलैंड सीमेंट का निर्माण एक महीन पाउडर के रूप में एक संयोजनकारी सामग्री है जो चूना पत्थर और मिट्टी के मिश्रण को जलाने तथा पीसने से प्राप्त होता है। इसकी रासायनिक संरचना में कैल्शियम सिलिकेट, कैल्शियम एल्युमिनेट और कैल्शियम एल्युमिनोफेराइट शामिल हैं।
यह सीमेंट युक्त गुण प्रदर्शित करता है।

एक सीमेंट युक्त सामग्री वह है जो जल के साथ मिश्रित होने पर कठोर हो जाती है। इसका उपयोग सीमेंट उत्पादों, के लिए होता हैं ।लेकिन इसके बहुत से हानिकारक प्रभाव भी है। फ्लाई ऐश के कण ज़हरीले वायु प्रदूषक हैं। वे हृदय रोग, कैंसर, श्वसन रोग और स्ट्रोक को बढ़ा सकते हैं। ये जल के साथ मिलाने पर भूजल में भारी धातुओं के निक्षालन का कारण बनते हैं। यह मिट्टी को भी प्रभावित करता है और पेड़ों की जड़ विकास प्रणाली को प्रभावित करता है। इसे इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रीसिपिटेटर (ESP) (एक फिल्टर उपकरण ) या बैग फिल्टर द्वारा निकास गैसों से एकत्र किया जाता है। लेकिन सीमेंट सयंत्रो द्वारा इसका खुला उल्लंघन किया जा रहा जो अपराध एवं जाँच की श्रेणी मे आता है। मानव जीवन और प्रकृति पर पढ़ते दूषित प्रभाव के मद्देनजर ग्रामीणों ने रेलमार्गों से हो रहे फ्लाई ऐश के परिवहन पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग किया है।

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