महासमुंद। मीत जी.टी.व्ही.सीरियल में गोंड़ जनजाति (आदिवासी) के प्रति सार्वजनिक रूप से घृणा भाव प्रसारण मसले को लेकर छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर के नेतृत्व में प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम अनुविभागीय दंडाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है तथा अनुविभागीय अधिकारी पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत किया गया है।
उक्त जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के जिलाध्यक्ष मनोहर ठाकुर ने बताया कि शशी सुमीत प्रोडक्शन बैनर के अंडर निर्मित ‘मीत’ (मीत- बदलेगी दुनिया की रीत) नये टी. व्ही. शो शाम 07.30 बजे से दिखाया जा रहा है। साथ ही यह शो ‘जी5 एप’ पर दिखाया गया है।क्लिपिंग में गोंड़ जनजाति (आदिवासी) के प्रति सार्वजनिक रूप से घृणा का भाव प्रस्तुत किया गया है जो इस प्रकार है :- मैं नहीं चाहती कि इस घर की बहु गोंड़, गंवार और जोकर बन के घुमें।
ज्ञापन में आगे कहा गया है कि सम्पूर्ण भारत में सबसे बड़ी गोंड़ जनजाति (आदिवासी) की जनसंख्या 1.13करोड़(जनगणना वर्ष 2011)है और गोंड़ों की तुलना गंवार, जोकर आदि से किया जाना गोंड़ जाति के प्रति सार्वजनिक रूप से समाज में घृणा और अपमान की भावना रोपित करना है। इस घटना से भारत की संपूर्ण गोंड़ जनजाति (आदिवासी) अपमान महसूस कर रही है।यह सामाजिक सद्भावना व समरसता को ठेस पहुंचाने का दुस्साहस है।
इसी वजह से छ.ग.सर्व आदिवासी समाज ने शासन से अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा है कि सीरियल के प्रसारण पर प्रतिबंध लगाया जावे तथा धारावाहिक के निर्देशक, निर्माता और पात्रों के विरुद्ध अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 के तहत एफ.आई.आर. दर्ज कर समुचित कार्यवाही की जाए ताकि भारत की गोंड़़ जनजाति (आदिवासी) का सम्मान बना रहे। ज्ञापन सौंपने के लिए प्रतिनिधि मंडल में ब्लाक उपाध्यक्ष द्वय भगवानी बरिहा, अंजोर ठाकुर,सचिव लोकेश दीवान,पार्षद राम कुमार ठाकुर,आदिवासी नेता प्रेम सिंग ठाकुर, सहसचिव मयाराम मांझी, राजेश दीवान,खोमन दीवान, गजेन्द्र दीवान आदि रहे।