नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर आतंकवाद और आतंकवाद से जुड़े संगठनों पर जमकर बरसे। उन्होंने आतंक को पनाह देने वाले देशों को भी चेतावनी दी और साथ में विश्व के सभी देशों को आतंकवाद से मिलकर लड़ने का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत हमेशा आतंकवाद के विरोध में अपनी आवाज उठाता रहेगा। उन्होंने कहा, ‘पूरी दुनिया में आतंकवाद का खतरा एक गंभीर विषय है जिससे हमें मिलकर लड़ना चाहिए। हमने उन सभी आतंकवादी संगठनों और उनके सभी सहयोगियों का विस्तार देखा है। अल-कायदा, दाएश, बोको हराम और अल शबाब जैसे संगठन फल-फूल रहे हैं।’
आतंकवाद को खत्म करने के लिए दुनिया को एक साथ आना होगा
विदेश मंत्री ने आगे कहा कि जो देश दक्षिण एशिया में आतंकवाद का नेटवर्क आज भी मजबूत है। उन्होंने कहा, ‘हम चाहे कितना भी कोशिश कर लें लेकिन जब तक इनके अन्य ठिकानों को खत्म नहीं करेंगे तब तक ये ऐसे ही मजबूत बने रहेंगे। कुछ देश अपने आप को हर चीज में सक्षम बताते हैं और आतंकवाद की बात आने पर बहुत ही असहाय दिखने लगते हैं। ये हास्यास्पद सा लगता है। हमें आतंकवाद से मुकाबला करने के लिए जवाबदेही तय करनी चाहिए।’
हम फिर से “न्यूयॉर्क का 9/11” या “मुंबई का 26/11” नहीं होने दे सकते
उन्होंने कहा कि मैं मुंबई 26/11 आतंकी हमले की बहादुर पीड़िता नर्स अंजलि कुलथे को धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने हमारे साथ आतंकवाद के चलते चुकाई कीमतों पर यादें साझा की हैं। उनकी गवाही ने आज परिषद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि 26/11 के मुंबई हमलों सहित कई आतंकवादी घटनाओं के पीड़ितों को न्याय मिलना बाकी है। हम फिर से “न्यूयॉर्क का 9/11” या “मुंबई का 26/11” नहीं होने दे सकते।
जयशंकर ने सुरक्षा परषिद के सुधार पर प्रकाश डालने के लिए संरा प्रमुख गुतारेस को धन्यवाद दिया
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को संयुक्त राष्ट्र के शीर्ष निकाय सुरक्षा परिषद में सुधार की अधिकांश सदस्य देशों की बढ़ती इच्छा को उजागर करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस को धन्यवाद दिया। सुरक्षा परिषद में सुधार के वर्षों के प्रयासों में भारत सबसे आगे रहा है। उसका कहना है कि वह विश्व संस्था के 15-सदस्यीय शीर्ष निकाय के स्थायी सदस्य के रूप में स्थान का हकदार है। भारत के मुताबिक 15 सदस्यीय यह निकाय अपने वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘सुरक्षा परिषद में सुधार की बढ़ती इच्छा को उजागर करने के लिए महासचिव का धन्यवाद। कल खुले वाद-विवाद में आपकी उपस्थिति अत्यंत प्रशंसनीय है।’ जयशंकर मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की मौजूदा अध्यक्षता के तहत होने वाले आतंकवाद-विरोधी और सुधारित बहुपक्षवाद पर दो हस्ताक्षर कार्यक्रमों की अध्यक्षता करने के लिए यहां पहुंचे। भारत का 15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद में दो साल का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है।
7️⃣ In the last two decades, terrorism has been significantly countered and its justification de-legitimized. But this remains work in progress. Combating terrorism is a battle in which there is no respite. The world cannot afford attention deficits or tactical compromises. pic.twitter.com/LW4FOsAYgi
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) December 15, 2022