चर्चित विराट अपहरण कांड मामले में पांच आरोपियों को आजीवन कारावास, तीन साल बाद कोर्ट का फैसला

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर। बिलासपुर के बहुचर्चित विराट अपहरण कांड के आरोपियों को आज अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपहरण कांड के तीन वर्षों बाद यह फैसला आया है। जिसमे 5 आरोपियो को सजा सुनाई गई है।

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अप्रैल 2019 में बिलासपुर के कोतवाली थाना क्षेत्र में रहने वाले व्यवसायी विवेक सराफ के 5 वर्षीय पुत्र विराट सराफ की अज्ञात अपहर्ताओं ने किडनैपिंग कर ली थी। और 6 करोड़ की रकम की फिरौती मांगी थी। 5 दिनों के अथक प्रयासों के बाद आईजी प्रदीप गुप्ता,एसपी अभिषेक मीणा,थाना प्रभारी कलीम खान, रायपुर से आई टीम के नसर सिद्धकी, व अन्य पुलिसकर्मियों ने आधी रात को सिविल लाइन क्षेत्र के मिनी बस्ती में स्थित अपहर्ताओं के घर में घुस कर विराट को बरामद किया था। जिसके बाद अपहरण में शामिल 5 अपहर्ताओं को गिरफ्तार किया था। जिसमे सबसे खास बात निकल कर यह आयी कि विराट की बड़ी मां नीता सराफ ने ही अपहर्ताओं के साथ मिलकर यह साजिश रची थी। उसे यह जानकारी थी कि विराट के पिता विवेक सराफ के पास जमीन बिक्री की मोटी रकम आने वाली है।

अपहरण कांड की गुत्थी सुलझने व अपहर्ताओं के पकड़े जाने के बाद तत्कालीन डीजीपी डीएम अवस्थी ने खुद ही बिलासपुर पहुँच कर बिलासपुर पुलिस टीम के कप्तान व उनकी पूरी टीम की पीठ थपथपायी थी। साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी बिलासपुर पहुँच कर विराट से मुलाकात कर उसके हौसलों की प्रशंसा करते हुए बिलासपुर पुलिस की तारीफ की थी।

प्रकरण में सभी आरोपियों की गिरफ्तरी के बाद वे सभी जेल में थे। तीन वर्षों तक चली सुनवाई में 54 गवाहों का बयान अदालत के समक्ष दर्ज किया गया था। मामले में शासन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता विनोद यादव मामले की पैरवी कर रहे थे। आज प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार जायसवाल की अदालत में प्रकरण का फैसला आना था। जिसके लिए चार आरोपियों को बिलासपुर सेंट्रल जेल से अदालत में पेश किया गया जबकि एक आरोपी राजकिशोर सिंह का जेल ट्रांसफर जगदलपुर जेल कर दिया गया था। वहां से उसे वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में कनेक्ट किया गया। सुनवाई में 5 आरोपियों जिनमें नीता सराफ,राजकिशोर सिंह,हरेकृषणा,अनिल सिंह राजपूत व सतीश शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। मामले की पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता विनोद यादव ने बताया कि माननीय न्यायालय ने 363,364(क),366,506, 25,27 आर्म्स एक्ट व आपराधिक षड़यंत्र की धारा 120 बी के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

मामले में तत्कालीन एसपी रहे अभिषेक मीणा ने कहा कि “माननीय अदालत का फैसला काफी सुकुन भरा है। विराट की सकुशल बरामदगी के लिए पुलिस टीम ने काफी मेहनत की थी। और उसके बाद विराट को सकुशल बरामद किया गया था। अदालत के फैसले से छतीसगढ़ में इस तरह के किडनैपिंग व सुपारी लेकर काम करने वालो के हौसले पस्त होंगे। अदालत के फैसले से मुझे बहुत खुशी है। साथ ही मैं अपने सीनियर्स का भी शुक्रगुजार हूं जिन्होंने मुझे इस केस में काफी क्वापरेट किया था। जिनमे आईजी प्रदीप गुप्ता सर की भूमिका काफी सराहनीय रही। सभी सीनियर्स के साथ ही मैं पूरी टीम के उन जूनियर्स को भी धन्यवाद ज्ञापित करना चाहूंगा जिन्होंने इस पूरे ऑपरेशन में हिस्सा लिया था।”

चुनाव से बडी प्राथमिकता हो गयी थी विराट की सकुशल घर वापसी

ज्ञातव्य हो कि विराट के अपहरण के समय लोकसभा का चुनाव था। विराट के लिए चलाए जा रहे अभियान के बीच ही वोटिंग भी हुई थी। इस दौरान पूरा शहर विराट के सकुशल वापसी के लिए प्रार्थनाएं कर रहा था साथ ही साथ जगह जगह हवन पूजन के आयोजन किये गए थे। पुलिस की भी सक्रियता मामलें में इतनी थी कि लोगो को लगने लगा था कि चुनाव से बडी प्राथमिकता बिलासपुर पुलिस के लिए विराट की सकुशल घर वापसी है।