नरेंद्र ध्रुव/ छत्तीसगढ़ क्राइम्स
गरियाबंद। गरियाबंद जिला वनों और प्राकृतिक वातावरण की दृष्टि से चर्चित है जिसके चलते यह जिला पर्यटकों को अपनी और खींचता हैं। पुरे प्रदेश से इस जिले मैं पर्यटक प्राकृतिक सुंदरता को निहारने यहां पहुंचते हैं। गरियाबंद जिला में घटारानी, जटमाई, भूतेश्वरनाथ मंद्रिर तो प्रसिद्ध हैं ही, जिला के पावन भूमि पर डोंगरी पहाड़ी पर विराजमान मां झरझरा का मंदिर और वहां की प्राकृतिक छटा पर्यटकों का ध्यान अपनी और खींच रही हैं।
वही गरियाबंद जिला के अंर्तगत छुरा ब्लॉक के ग्राम मुरमुरा के डोगरी जंगल पर मां झरझरा मंन्दिर स्थिति है। जो की जिला मुख्यालय से लगभग 38 कि.मी.छुरा से 35 कि. मी. व राजिम से 25 किलोमीटर कि दूरी पर एक सुन्दर डोगरी पर स्थित है। इस स्थल को एक पर्यटक के रूप में माना जाता है। मॉ झरझरा मंन्दिर प्रकृति के गोद में सुन्दर व मनोरम पेड़ -पौधे पशु पक्षी कि किलकारी आवाज होने से मन को आनंदित कर देता है यहां पर श्रद्धालुओं माता के भक्तों का आना जाना लगा रहता है। माँ झरझरा अपने कल – कल करते प्राकृतिक सदाबहार झरने भी है, बताया जाता है कि मां झरझरा के स्थान पर एक पत्थर पर शिलालेख भी है। जो लोग वहां जाते है व सिर्फ लोग अपने अपने अनुसार अलग – अलग तर्क लगाते है लेकिन क्या लिखा है यह स्पष्ट नही कर पाते। कहते है कि इसको माता ने शिलालेख किया है।
ये मंन्दिर इस क्षेत्र का चर्चित है। यह मंन्दिर जंगल पठार से घिरा होने के कारन अच्छादित है। यहां दूर – दूर के लोग मनोरंज, पार्टी व श्रद्धालु माता के दर्शन कर लाभ उठाते है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र नवरात्र में जोत जवारा प्रज्वलित किया जाता है। यह स्थान अति उत्तमदायी व क्षेत्र का चरित्र स्थान माना जाता है।