नयी दिल्ली। महात्मा गांधी के परपोते सतीश धुपेलिया का COVID19 संक्रमण के चलते देहांत हो गया है. उनकी आयु 66 वर्ष की थी तथा वे दक्षिण अफ्रीकी मूल के थे. उनके परिवार के लोगों ने इस बात की पुष्टि की कि वह निमोनिया से पीड़ित थे तथा एक महीने से अस्पताल में भर्ती थे. वहीं उन्हें कोरोना संक्रमण हुआ और रविवार 22 नवंबर को उनकी मौत हो गई. परिवार के एक सदस्य ने जानकारी दी कि धुपेलिया का तीन दिन पहले 66वां जन्मदिन था.
धुपेलिया की बहन उमा धुपेलिया-मेस्थरी ने पुष्टि की कि उनके भाई की COVID-19 संबंधित समस्याओं के कारण मृत्यु हो गई है. क्योंकि वे अस्पताल में इस बीमारी के संपर्क में आ गए थे जहां निमोनिया के कारण एक महीने से उनका इलाज चल रहा था.
उमा ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि मेरे प्यारे भाई एक महीने तक निमोनिया से पीड़ित होने के बाद कोरोना की चपेट में आने से मर गए हैं. उमा के अलावा, धुपेलिया की एक और बहन हैं, कीर्ति मेनन, जो जोहान्सबर्ग में रहती हैं, वो वहां गांधी की याद में विभिन्न परियोजनाओं में सक्रिय हैं. तीन भाई-बहन मणिलाल गांधी के वंशज हैं, जिन्हें महात्मा गांधी ने अपना काम जारी रखने के लिए दक्षिण अफ्रीका में छोड़ दिया था.